ट्रिब्यून न्यूज़ सर्विस
पटियाला/नयी दिल्ली, 6 अक्तूबर
पटियाला में आज पत्रकार सम्मेलन में जिस तरह राहुल गांधी ने जवाब दिया उससे लग रहा है कि राहुल गांधी लंबी राजनीतिक दौड़ के लिए तैयार हैं। मंगलवार सुबह पटियाला के सर्किट हाउस में प्रेस को संबोधित करते समय जब उनसे पूछा गया कि भाजपा की आक्रमक राजनीतिक के आगे विपक्ष कमज़ोर क्यों लग रहा है। उन्होंने पत्रकारों के इस सवाल पर कहा-मैं एक धैर्यवान व्यक्ति हूं…इंतज़ार करूंगा। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि किसी दिन लोगों को एहसास होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस-किस चीज़ का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि पीएम को बस अपनी छवि की परवाह है। किसी दिन युवाओं को पता चलेगा कि पीएम अटल सुरंग में किसे हाथ हिला रहे थे, जबकि पीएम को देख रहे युवाओं के टेबल पर भोजन तक नहीं होगा।विपक्ष के कमजोर होने की धारणा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘जब पूरे संस्थागत ढांचे को नियंत्रण में ले लिया गया है तो ऐसे में यह कहना उचित नहीं है कि विपक्ष कमजोर है।” उन्होंने दावा किया कि देश की आत्मा पर जबरन कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘भारत की आत्मा’ पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि सबसे कमजोर देश में भी अगर कोई उसकी ज़मीन पर कब्जा कर ले तो मीडिया शोर मचाता है। यहां तो मीडिया पर ही ‘कब्जा’ कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यूपी में प्रशासन परिवार पर हमला कर रहा है। यह सब देश की आत्मा पर कब्ज़े की तरह है, इसी से ही हम लड़ रहे हैं। विश्वास करते हैं कि लोग एक दिन समझेंगे कि पीएम का मकसद क्या था।
‘योगी आदित्यनाथ में हाथरस की घटना को ‘त्रासदी’ कहने की शालीनता होनी चाहिए थी’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथरस मामले को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में इतनी शालीनता होनी चाहिए थी कि वह दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को ‘त्रासदी’ कहते। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में ‘खेती बचाओ यात्रा’ निकालने वाले गांधी ने यह भी कहा कि हाथरस की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं बोला। उन्होंने पटियाला में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं हाथरस देश की उन लाखों महिलाओं के लिए गया, जिनके साथ रोज छेड़छाड़ की घटना होती है। उन हजारों महिलाओं के लिए गया, जिनके साथ बलात्कार होता है। मुझे आश्चर्य होता है कि इस घटना पर प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला।” एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री में इतनी शालीनता होनी चाहिए थी कि वह कहते कि यह एक त्रासदी है और हम इस मामले को देखेंगे तथा लड़की के परिवार की रक्षा करेंगे।”