NDA के प्रदर्शन पर डिंपल यादव ने दिलाई मणिपुर व सैन्य अधिकारी पर टिप्पणी की याद
Dimple Yadav: समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने अपने ऊपर एक मौलाना द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों के प्रदर्शन को लेकर सोमवार को कहा कि अच्छा होता कि सत्तापक्ष के लोग मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना और सेना की एक महिला अधिकारी पर भाजपा नेताओं की विवादित टिप्पणियों को लेकर भी इसी तरह खड़े होते।
उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी बात है कि उनके खिलाफ टिप्पणी मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। साजिद रशीदी नामक एक मौलाना ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में डिंपल यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके खिलाफ लखनऊ में एक मामला दर्ज किया गया है।
डिंपल यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में राजग के कई सांसदों ने संसद भवन के ‘मकर द्वार' के निकट विरोध प्रदर्शन किया। सत्तापक्ष के विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर डिंपल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अच्छा होता कि मणिपुर में घटना, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में आया था, के खिलाफ खड़े होते तो अच्छा होता। ऑपरेशन सिंदूर के समय भाजपा के कई बड़े-बड़े नेताओं द्वारा सेना की अधिकारी (सोफिया कुरैशी) के खिलाफ किस तरह से बात की गई। अगर ये (सत्तापक्ष के सांसद) उनके साथ खड़े दिखाई देते तो अच्छा होता।''
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सांसद डिंपल ने मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने की घटना और सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि रशीदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होना अच्छी बात है।
दरअसल, पिछले दिनों अपने पति सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा कुछ अन्य पार्टी सांसदों के साथ डिंपल संसद के निकट स्थित एक मस्जिद में गई थीं। मस्जिद में उनके पहनावे को लेकर रशीदी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की।
डिंपल यादव के खिलाफ ‘आपत्तिजनक' टिप्पणी करने के आरोप में मौलवी पर मामला दर्ज
समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टेलीविजन बहस के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में एक मौलवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ स्थानीय निवासी प्रवेश यादव की शिकायत पर रविवार शाम विभूति खंड थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
कथित तौर पर ये टिप्पणियां डिंपल यादव के हाल में एक मस्जिद दौरे के बाद की गई, जहां मौलवी ने उनके पहनावे पर अनुचित टिप्पणी की थी। प्राथमिकी के अनुसार शिकायत में राशीदी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ऐसे बयान दिए जो न केवल अपमानजनक और महिला विरोधी थे, बल्कि ‘‘उकसाने वाले भी थे और इनका उद्देश्य धार्मिक वैमनस्य और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था।''
यादव ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया और राष्ट्रीय टेलीविजन पर सार्वजनिक रूप से रशीदी द्वारा दिए गए बयान ‘‘एक महिला की गरिमा का अपमान'' है और ऐसा प्रतीत होता है कि यह जानबूझकर अशांति भड़काने की कोशिश थी। प्रवेश यादव ने अपनी लिखित शिकायत में कहा, ‘‘उन्होंने (मौलवी ने) 26 जुलाई को पूर्व उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी एवं सांसद डिंपल यादव के एक मस्जिद का दौरा करने के बाद उनके खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, भड़काऊ और महिला-विरोधी बयान दिए।''
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे बयान न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और शांति के लिए भी खतरा हैं।'' मौलवी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से बोले गए शब्द, इशारे या कृत्य), धारा 196 (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
इसके अलावा ऑनलाइन मंचों पर सामग्री के प्रसार करने पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों को भी शामिल किया गया है। अपनी शिकायत में प्रवेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि रशीदी की भाषा और लहजे से ‘‘राष्ट्र-विरोधी मानसिकता'' झलकती है और उनका संबंध ‘‘भारत में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने'' के लिए काम करने वाले एक समूह से है। शिकायत में कहा गया, ‘‘ऐसे तत्व देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और समावेशी ताने-बाने के लिए सीधा खतरा हैं।'' पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।