दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 नवंबर
हरियाणा की तहसीलों में भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को भी अब रेवेन्यू अधिकारियों के अधिकार दिए हैं। अब वे भी जमीनों की रजिस्ट्री कर सकेंगे। यानी तहसीलदार और नायब-तहसीलदार की मनमर्जी अब नहीं चलेगी। अगर वे अधिकारी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं करते तो एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट से रजिस्ट्री करवाई जा सकेगी। हरियाणा दिवस के मौके पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को यह ऐलान किया। एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को रजिस्ट्री की पावर सोमवार से दे दी गई हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार को 7 और गठबंधन सरकार को 2 वर्ष पूरे हो चुके हैं। सरकार की अब तक की उपलब्धियों व नई योजनाओं को लेकर सीएम कैबिनेट सहयोगियों के साथ सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू हुए। इस मौके पर उन्होंने और भी कई नई योजनाओं का ऐलान किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, कृषि मंत्री जेपी दलाल, सहकारिता मंत्री डॉ़ बनवारी लाल, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा, खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री संदीप सिंह इस मौके पर मौजूद रहे। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तथा गृह मंत्री अनिल विज प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद नहीं थे। हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और जजपा प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह इस दौरान सीएम के साथ मौजूद रहे।
सीएम ने कहा, हरियाणा दिवस से राज्य के सभी एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्येक जिले में संपत्ति के हस्तांतरण आदि के दस्तावेजों के पंजीकरण के प्रयोजनों के लिए उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किए हैं। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार भी संयुक्त उप-पंजीयक बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिस संपत्ति का काम करवाना है, वह संबंधित जिले की सीमा के भीतर किसी भी स्थान पर स्थित होनी चाहिए। संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी उसी जिले से संबंधित हों।
एक सवाल पर सीएम ने कहा, ज्यादा अधिकारियों के पास शक्तियां होने से लोगों को अपना काम करवाने में आसानी होगी। सीएम ने कहा कि परिवार पहचान-पत्र मील का पत्थर साबित होगी। सरकारी विभागों की 611 नागरिक सेवाओं में से 456 का लाभ अब परिवार पहचान-पत्र के माध्यम से मिलेगा। अब योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पेपर वर्क खत्म हो जाएगा और परिवार पहचान-पत्र आईडी के माध्यम से लाभार्थी की सारी जानकारी उपलब्ध होगी। सीएम ने जेलों में बंद 250 से अधिक कैदियों को रिहा करने का ऐलान किया। निजी बिल्डरों द्वारा विकसित पुरानी कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन जारी होंगे। इस फैसले से सीधे तौर पर फिलहाल गुरुग्राम व सोनीपत के 5 हजार से अधिक लोगों को राहत मिलेगी। वहीं भविष्य में 25 हजार उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने अभी अपने घर का निर्माण नहीं किया है।
सभी जिलों में साइबर पुलिस स्टेशन
सीएम ने अगले एक साल में चरणबद्ध तरीके से सभी जिलों में साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करने का ऐलान किया। साथ ही, सभी पुलिस स्टेशन में हेल्प डेस्क स्थापित होंगे। सीएम ने कहा कि ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन के अलावा सोशल मीडिया एप्स का प्रचलन बढ़ा है। इंटरनेट के उपयोग में बढ़ोतरी से साइबर क्राइम भी बढ़ा है। इस पर कंट्रोल करने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। पुलिस विभाग के सभी जवानों का दो साल में एक बाद स्वास्थ्य की जांच होगी। 35 और इससे अधिक उम्र के सभी पुलिस कर्मचारियों के लिए योजना लागू होगी।
हरियाणा पंचायत संरक्षक योजना
प्रदेश में ‘पंचायत संरक्षक योजना’ की शुरुआत भी सीएम ने की। इसके तहत क्लास-वन अधिकारियों को ग्राम पंचायत के संरक्षक की भूमिक दी जाएगी। इसका मकसद गांव में सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की सघन समीक्षा करना और ग्रामीणों के कल्याण से संबंधित मुद्दों की बेहतर समझ विकसित करना है। प्रत्येक संरक्षक अपने कर्तव्यों के अतिरिक्त उसे सौंपी गई ग्राम पंचायत का दौरा करेगा और संबंधित ब्लॉक एवं विकास अधिकारी को सूचित करके तीन महीने में कम से कम एक बार ग्रामीणों से विचार-विमर्श करेगा। योजनाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों और पंचायत के सामाजिक-आर्थिक विकास के सुझावों पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा और योजना के शुरू होने के एक महीने के भीतर उस रिपोर्ट को सरकार के पोर्टल पर डालेगा।
ठेकेदारों की छुट्टी, कौशल रोजगार निगम देगा नौकरियां
प्रदेश के विभागों व बोर्ड-निगमों में अब ठेकेदारों के जरिये नौकरी नहीं लगेगी। सीएम ने कौशल रोजगार निगम के वन-स्टॉप आईटी पोर्टल का शुभारंभ किया। कांट्रेक्ट की नौकरी के लिए युवा इस पर अपना पंजीकरण करवा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए परिवार पहचान-पत्र होना अनिवार्य है। पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति योग्यता व निर्धारित मानदंडों के अनुसार होगी। मौजूदा कर्मचारियों को भी इस पोर्टल पर दर्शाया जाएगा। सीएम ने कहा कि ठेकेदारों के खिलाफ आ रही कर्मचारियों के शोषण, समय पर वेतन नहीं देने, ईपीएफ और ईएसआई की राशि जमा नहीं करवाने की शिकायतों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
डीसी रेट अब ‘निगम रेट’
प्रदेश में डीसी रेट का नाम भी बदल दिया है और प्रदेश को जोनवार बांटते हुए इसके रेट भी नये सिरे से तय किए हैं। अब डीसी रेट की बजाय ये ‘निगम रेट’ कहलाएंगे। निगम रेट पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति में अब डीसी की मनमर्जी नहीं चलेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी चयन में अहम भूमिका निभाएगी। निगम रेट के लिए बनाई गई कैटेगरी में गुरुग्राम, पंचकूला, पंचकूला और सोनीपत को ‘ए’ कैटेगरी में रखा है। वहीं ‘बी’ कैटेगरी के जिलों में पानीपत, झज्जर, पलवल, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, यमुनानगर, भिवानी और जींद शामिल किए हैं। ‘सी’ श्रेणी के शहरों में महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा, नूंह और चरखी दादरी शामिल हैं।
ठेकेदारों को 30 दिन में होगा भुगतान
प्रदेश में पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी व्यवस्था के लिए सीएम ने हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल लांच किया। पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, पब्लिक हेल्थ व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को इज ऑफ डुइंग बिजनेस की सुविधा मिलेगी। इन विभागों के विभिन्न टेंडर में भाग लेने के इच्छुक ठेकेदार को पहले इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। पोर्टल के जरिये मिलने वाले ठेकों की पेमेंट 30 दिन के भीतर होगी। देरी होने पर ब्याज दिया जाएगा।
2022 तक हर घर में नल से आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक गांवों के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। हरियाणा में इसे 2022 तक पूरा करने का टारगेट है। अभी तक 18 जिलों के लोगों के घरों में नल से आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है। बाकी चार जिलों में इस साल के अंत तक नल कनेक्शन पहुंचाए जाएंगे। अभी तक 6156 गांवों को नल से जल मिल रहा है। मिशन का उद्देश्य पीने के पानी की बर्बादी को रोकना और नागरिकों को घर पर ही पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है।