नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के उन उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी में समायोजित करने की आवश्यकता है, जो सामान्य श्रेणी के नियुक्त अंतिम उम्मीदवारों की तुलना में अधिक मेधावी हैं। पीठ ने एक उम्मीदवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता की इस दलील को स्वीकार किया कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की सूची में अंतिम उम्मीदवार से अधिक अंक प्राप्त करने पर सामान्य श्रेणी के तहत समायोजित करना चाहिए। पीठ ने कहा कि दो उम्मीदवारों आलोक कुमार यादव और दिनेश कुमार, जो ओबीसी श्रेणी से संबंधित हैं, उन्हें सामान्य श्रेणी में समायोजित किए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सामान्य श्रेणी के नियुक्त उम्मीदवारों की सूची में अंतिम उम्मीदवार की अपेक्षा अधिक मेधावी हैं। उनकी नियुक्तियों पर आरक्षित श्रेणी के तहत सीटों के लिए विचार नहीं किया जा सकता।