Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अब 45 दिन ही संरक्षित रखे जाएंगे चुनाव प्रक्रिया के वीडियो फुटेज, EC ने बताई इसकी वजह

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) Election video footage: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने अपने इलेक्ट्रॉनिक डेटा का उपयोग "दुर्भावनापूर्ण विमर्श" गढ़ने के लिए किए जाने की आशंका के चलते अपने राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि 45 दिन...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा)

Advertisement

Election video footage: निर्वाचन आयोग (ईसी) ने अपने इलेक्ट्रॉनिक डेटा का उपयोग "दुर्भावनापूर्ण विमर्श" गढ़ने के लिए किए जाने की आशंका के चलते अपने राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि 45 दिन में चुनाव को अदालत में चुनौती नहीं दी जाती तो वे सीसीटीवी कैमरा, वेबकास्टिंग और चुनाव प्रक्रिया के वीडियो फुटेज को नष्ट कर दें।

तीस मई को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि उसने चुनाव प्रक्रिया के दौरान कई रिकॉर्डिंग उपकरणों के साथ ही फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, सीसीटीवी और वेबकास्टिंग के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को रिकॉर्ड करने के निर्देश जारी किए हैं।

आयोग ने कहा कि हालांकि चुनावी कानून के तहत इस तरह की रिकॉर्डिंग अनिवार्य नहीं होती, लेकिन आयोग चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान आंतरिक प्रबंधन उपकरण के रूप में उनका उपयोग करता है।

आयोग ने कहा, "हालांकि, सोशल मीडिया पर गलत सूचना और दुर्भावनापूर्ण विमर्श गढ़ने के लिए इस रिकॉर्डिंग का हाल ही में दुरुपयोग किया गया है। ऐसी सामग्री का चुनिंदा तरीके से और संदर्भ से परे उपयोग किया गया है।”

आयोग ने अब अपने राज्य निर्वाचन प्रमुखों से कहा है कि सीसीटीवी डेटा, वेबकास्टिंग डेटा और विभिन्न चरणों में चुनाव प्रक्रियाओं की फोटोग्राफी 45 दिन के लिए संरक्षित की जाएगी। आयोग ने कहा, "यदि किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती है, तो उक्त डेटा को नष्ट किया जा सकता है।"

कोई भी व्यक्ति 45 दिन में संबंधित उच्च न्यायालय में चुनाव के फैसले को चुनौती देने वाली "चुनाव याचिका" दायर कर सकता है। पिछले साल दिसंबर में, सरकार ने सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज, उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में बदलाव किया था। निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 में संशोधन किया था।

Advertisement
×