Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अब पूरे देश में शुरू होगी वोटर लिस्ट रिवीजन की कवायद

एसआईआर पर राज्य अधिकारियों के साथ बैठक, तारीख का एेलान जल्द
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
राधाकृष्णन के निर्वाचन को किया प्रमाणित निर्वाचन आयोग ने सीपी राधाकृष्णन के भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन को बुधवार को प्रमाणित कर दिया। चुनाव निकाय के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्तों विवेक जोशी तथा एसएस संधू ने उनके निर्वाचन के प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर किए। फोटो : प्रेट्र
Advertisement

मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन की कवायद को पूरे देश में लागू करने की तैयारियां चल रही हैं। निर्वाचन आयोग जल्द ही तारीख तय करेगा। बुधवार को निर्वाचन आयोग के राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की यहां एक दिवसीय बैठक के बाद, अधिकारियों ने कहा कि अगले साल पांच विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए अखिल भारतीय मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान 2025 के आगामी महीनों में चलाया जा सकता है। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पिछली एसआईआर के बाद प्रकाशित हुई अपने राज्यों की मतदाता सूची तैयार रखें।

आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद, पूरे देश में एसआईआर की कवायद होगी। असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार इस गहन संशोधन का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की पड़ताल करके उन्हें बाहर निकालना है। आयोग का कहना है कि यह कदम बांग्लादेश और म्यांमार समेत विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। विपक्षी दलों द्वारा भाजपा की मदद के लिए आयोग पर मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी करने के आरोपों के बीच, निर्वाचन आयोग ने गहन संशोधन में अतिरिक्त कदम उठाए हैं। राज्यों में अंतिम एसआईआर ‘कट ऑफ’ तिथि के रूप में काम करेगी ठीक वैसे ही जैसे कि निर्वाचन आयोग गहन पुनरीक्षण के लिए बिहार की 2003 की मतदाता सूची का उपयोग कर रहा है। अधिकतर राज्यों ने 2002 और 2004 के बीच मतदाता सूचियों का संशोधन किया था।

Advertisement

क्या करना होगा मतदाताओं को : राज्य के बाहर से आने वाले आवेदकों की एक श्रेणी के लिए एक अतिरिक्त ‘घोषणा पत्र’ पेश किया गया है। उन्हें यह शपथपत्र देना होगा कि उनका जन्म एक जुलाई, 1987 से पहले भारत में हुआ था। इसके लिए दस्तावेज देना होगा। उन्हें अपने माता-पिता की जन्मतिथि/स्थान के बारे में भी दस्तावेज जमा करने होंगे।

आधार को बिहार में 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का फरमान जारी

निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड को एक अतिरिक्त दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह बिहार में ‘आधार’ को भी दस्तावेज के रूप में शामिल करे। उसने आयोग से नौ सितंबर तक निर्देश लागू करने को कहा था।

Advertisement
×