चंडीगढ़, 24 फरवरी (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि एनसीआर की नयी सीमाएं तय होने से करनाल का आधा हिस्सा एनसीआर से बाहर होगा। यह लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी, जो अब पूरी होने जा रही है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब तक हरियाणा का 57 फीसदी हिस्सा एनसीआर में आता था, लेकिन नये नियमों के बाद यह हिस्सा कम होने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की लंबे समय से यह मांग चली आ रही थी कि एनसीआर की सीमाओं को नये सिरे से तय किया जाए। ऐसी मांग अन्य राज्यों द्वारा भी उठाई जा रही थी। सीएम ने कहा कि हरियाणा की मांग को केंद्र ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। एनसीआर का दायरा अब 100 किमी रहेगा। उन्होंने कहा, एनसीआर में शामिल जिलों की संख्या बेशक कम न हो लेकिन एरिया काफी कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एनसीआर में शामिल होने के फायदे होने चाहिए थे लेकिन लोगों को इसका नुकसान अधिक हुआ।
100 किलोमीटर के दायरे का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि अब करनाल के घरौंडा तक एनसीआर की अंतिम सीमा होगा। पहले पूरा जिला एनसीआर में था। इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों की सीमाओं का भी नए सिरे से निर्धारण होगा। अब दिल्ली को केंद्र मानते हुए सौ किलोमीटर के दायरे को एनसीआर में रखा जाएगा। पानीपत के विधायक तथा सोनीपत के उद्योगपतियों व सामान्य लोगों द्वारा उठाई जा रही मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीआर की सीमाएं नए सिरे से तय होने जा रही हैं। पानीपत और सोनीपत के लोगों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की अगली बैठक में इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठाएगी। उसके बाद प्लानिंग बोर्ड द्वारा ही फैसला लिया जाएगा।