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हरियाणा में अब 9Th और 10Th के स्टूडेंट्स को पढ़ने होंगे 7 सब्जेक्ट, संस्कृत, पंजाबी या उर्दू में से कोई एक पढ़ना अनिवार्य

Haryana News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हरियाणा के स्कूलों में बढ़ाया गया एक सब्जेक्ट
सांकेतिक फाइल फोटो।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 25 फरवरी

National Education Policy-2020: हरियाणा के स्कूलों में नौंवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को अब छह की बजाय सात सब्जेक्ट पढ़ने होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य की नायब सरकार ने एक विषय बढ़ाया है। हालांकि 2025-26 के नये शैक्षणिक सत्र में नौंवी के विद्यार्थियों पर यह फैसला लागू होगा। 2026-27 के शैक्षणिक सत्र में दोनों कक्षाओं के लिए सात सब्जेक्ट (विषय) अनिवार्य हो जाएंगे।

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शिक्षा मंत्री महीपाल सिंह ढांडा ने पिछले दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। पूर्व की मनोहर सरकार के समय ही 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया था। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्री ने नौंवीं और 10वीं कक्षाओं के लिए सात विषय पढ़ाने का निर्णय लिया है। यह फैसला भिवानी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा।

सीबीएसई द्वारा शिक्षा नीति को लेकर अपने हिसाब से फैसला लिया जाएगा। दोनों कक्षाओं में पांच विषय पहले की तरह अनिवार्य रहेंगे। बाकी के दो विषय चुनने के लिए विद्यार्थियों के पास विकल्प रहेगा। पहले भाषा से जुड़े विषयों के अलावा वोकेशनल के कई पाठ्यक्रम में से कोई भी एक विषय चुनना अनिवार्य था। अब भाषा को अनिवार्य कर दिया है। भिवानी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंग्रेजी, हिंदी, गणित, साइंस (विज्ञान) तथा सामाजिक विज्ञान पहले की तरह अनिवार्य तौर पर पढ़ने होंगे।

संस्कृत, पंजाबी और उर्दू में से किसी एक विषय का चुनाव नौंवी व दसवीं के विद्यार्थियों को करना होगा। सातवें विषय के रूप में वोकेशनल सब्जेक्ट्स को शामिल किया है। इनमें फिजिकल एजुकेशन, ड्राइंग, म्यूजिक, होम साइंस, पेशेंट केयर, आईटी, टूरिज्म, आतिथ्य सत्कार के अलावा स्किल बेस्ड विषय होंगे। इनमें से कोई भी एक विषय विद्यार्थियों को चुनना होगा। यानी अगले सत्र से नौवीं और 2026-27 के सत्र से दोनों कक्षाओं के पेपर 700 नंबर के होंगे।

जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी

स्कूल एजुकेशन विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल की ओर से इस संदर्भ में सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। एससीईआरटी के डायरेक्टर तथा भिवानी बोर्ड के सचिव को भी पत्र भेजा गया है ताकि वे अगले शैक्षणिक सत्र से इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित कर सकें। फैसले की जानकारी सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) तथा शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा को भी दी गई है।

हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया जा रहा: ढांडा

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा का कहना है कि  हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया जा रहा है। इस नीति के तहत स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार किया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर सरकार का फाेकस है। नौंवीं और दसवीं कक्षाओं में सात विषय पढ़ाए जाएंगे। इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे ताकि विद्यार्थियों को अच्छे से तैयार किया जा सके।

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