देहरादून (एजेंसी) : उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस शरद कुमार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार द्वारा उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य से किराया भुगतान करने संबंधी आदेश न मानने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किया। देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन ‘रूलक’ द्वारा दायर अवमानना याचिका में कोश्यारी पर अदालत के आदेश का ‘जानबूझकर अनुपालन नहीं करने’ का आरोप लगाया गया है। तीन मई, 2019 को दिए अपने आदेश में अदालत ने उन्हें छह माह के भीतर बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य पर किराये का भुगतान करने को कहा था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।