‘बचत नहीं, चपत उत्सव', कांग्रेस का GST में कटौती का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचने का दावा
कांग्रेस ने रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए पूछा कि अगर जीएसटी की दरों में कटौती का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा है, तो इसका क्या फायदा है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जीएसटी दर में कटौती से पहले बड़ी कंपनियों ने कई उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी थीं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की।
केंद्र ने 22 सितंबर से खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5% कर दी है। उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसे ही बड़ी कंपनियों को कर कटौती के बारे में पता चला, उन्होंने अपने उत्पादों की कीमतों में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी, जिससे आम जनता को बहुत कम राहत मिली। रमेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि ये ‘‘बचत उत्सव नहीं, चपत उत्सव है। ये जीएसटी सुधार नहीं, बल्कि ‘इवेंट-जीवी प्रधानमंत्री का प्रचार' है।
जीएसटी दरों में कटौती का लाभ अगर सीधे-सीधे आम जनता तक पहुंच ही नहीं रहा, तो फिर इसका क्या फायदा? पिछले रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की विकास गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि नवरात्र के पहले दिन से 'जीएसटी बचत उत्सव' शुरू होगा और आयकर छूट के साथ यह ज्यादातर लोगों के लिए ''डबल बोनैंजा'' होगा। पिछले सोमवार से लागू जीएसटी दरों में कटौती से रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, दवाओं और उपकरणों से लेकर ऑटोमोबाइल तक, लगभग 375 वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। उपभोक्ताओं को एक बड़ा तोहफा देते हुए, केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर, यानी नवरात्र के पहले दिन से जीएसटी की दरें कम करने का फैसला किया था।