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North Korea Tourism : उत्तर कोरिया का बड़ा फैसला, नए बीच हॉलिडे पर नहीं मिलेगी विदेशी टूरिस्टों को एंट्री

उ.कोरिया ने नए समुद्र तटीय रिसॉर्ट में विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया
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उत्तर कोरिया हाल ही में खुले एक विशाल बीच रिसॉर्ट में विदेशी पर्यटकों के प्रवेश को अस्थायी रूप से रोक रहा है। इस कदम से उस परिसर की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं जिसे देश के नेता किम जोंग उन ने "इस साल की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक" बताया था।

उत्तर कोरिया के पर्यटन अधिकारियों द्वारा संचालित वेबसाइट ‘डीपीआर कोरिया टूर' ने एक नोटिस में कहा कि पूर्वी तटीय वॉनसन-कलमा पर्यटक परिसर "विदेशी पर्यटकों को अस्थायी रूप से स्वीकार नहीं कर रहा है।'इसने इस बारे में कोई और जानकारी नहीं दी कि प्रतिबंध क्यों लगाया गया है या यह कब तक चलेगा। उत्तर कोरिया का कहना है कि इस परिसर में लगभग 20 हजार मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था है।

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पिछले सप्ताह रूसी पर्यटकों के एक छोटे समूह के आने से पहले यह रिसॉर्ट एक जुलाई को उत्तर कोरिया के पर्यटकों के लिए खोला गया था। पर्यवेक्षकों को उम्मीद थी कि उत्तर कोरिया अन्य अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित करते हुए चीनी पर्यटकों के लिए रिसॉर्ट खोलेगा। रूस के शीर्ष राजनयिक के दौरे के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया।

यह घोषणा पिछले सप्ताहांत रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव द्वारा किम और विदेश मंत्री चोई सोन हुई से बातचीत के लिए परिसर में आने के बाद की गई। उत्तर कोरिया और रूस ने हाल के वर्षों में सैन्य और अन्य सहयोग में तेजी से विस्तार किया है। उत्तर कोरिया यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में सहायता के लिए हथियार और सैनिक उपलब्ध करा रहा है।

चोई के साथ एक बैठक के दौरान लावरोव ने इस क्षेत्र में रूसी यात्रा का समर्थन करने के लिए कदम उठाने का वादा किया। मुझे यकीन है कि रूसी पर्यटक यहां आने के लिए और भी उत्सुक होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने इस क्षेत्र में रूसियों के साथ-साथ अन्य विदेशियों की यात्राओं को रोकने का फैसला संभवतः एक रूसी पत्रकार द्वारा एक अखबार में लिखे लेख के कारण किया है जिसने लावरोव के साथ यात्रा की थी।

इस लेख में यह संकेत दिया गया था कि इस क्षेत्र में उत्तर कोरियाई लोग अधिकारियों द्वारा जुटाए गए प्रतीत होते हैं न कि वास्तविक पर्यटक लगते हैं। सियोल के कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के एक विश्लेषक ओह ग्योंग-सियोब ने कहा, "ऐसा माना जाता है कि उत्तर कोरियाई सरकार ने यह तय कर लिया है कि जब वह विदेशियों के लिए इस स्थल को खोलेगी तो उसे कुछ नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ेगा।"

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