नयी दिल्ली, 20 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने उन हालिया दिशानिर्देशों पर बुधवार को रोक लगा दी, जिनमें होटल और रेस्तरां के सेवा शुल्क वसूलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। जस्टिस यशवंत वर्मा ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के 4 जुलाई के दिशानिर्देशों के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) और भारतीय होटल एवं रेस्तरां संघ की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले पर विचार किये जाने की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के सदस्यों को निर्देश दिया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कीमत और कर के अतिरिक्त उपभोक्ताओं से सेवा शुल्क वसूले जाने और इसके भुगतान की बाध्यता को मेन्यू या अन्य स्थानों पर विधिवत और प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए।
अदालत ने कहा कि होटल और रेस्तरां पैक कराकर ले जाए जाने वाले सामान पर सेवा शुल्क नहीं वसूलने के बारे में हलफनामा दाखिल करेंगे। न्यायालय ने कहा, ‘यदि आप भुगतान नहीं करना चाहते हैं, तो रेस्तरां में प्रवेश न करें। यह अंतत: इच्छा पर निर्भर करता है। दिशानिर्देशों के पैरा-सात पर रोक लगाई जाती है, जिसमें इन दो शर्तों का उल्लेख किया गया है।’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख मुकर्रर की। एनआरएआई ने अपनी याचिका में दावा किया था कि चार जुलाई के आदेश के तहत लगाई गईं पाबंदियां ‘मनमानी व गैर-जरूरी हैं और इन्हें रद्द किया जाना चाहिए’ क्योंकि इन्हें तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जारी नहीं किया गया है। अधिवक्ताओं नीना गुप्ता और अनन्या मारवाह के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘आतिथ्य क्षेत्र में 80 वर्ष से अधिक समय से सेवा शुल्क वसूले जाने की स्थापित परंपरा रही है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1964 में इस अवधारणा पर गौर किया था।’