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Nitish Katara Murder Case : आरोपी विकास यादव को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई जमानत याचिका

नीतीश कटारा हत्याकांड : न्यायालय ने दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट।
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Nitish Katara Murder Case : सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल कैद की सजा काट रहे दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ नौ सितंबर के दिल्ली हाई कोर्ट के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ 54 वर्षीय यादव द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया गया था।

यादव ने उसी दिन आत्मसमर्पण कर दिया और अपनी शादी के आधार पर तथा हत्या के मामले में सजा के तहत उस पर लगाए गए जुर्माने के 54 लाख रुपये की व्यवस्था करने के लिए जमानत के वास्ते शीर्ष अदालत का रुख किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर यादव की याचिका स्वीकार कर ली जाती है, तो यह “एक अंतहीन प्रक्रिया” होगी। पीठ ने कहा, “अभी शादी है, फिर बच्चे होंगे, यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा।”

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यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गुरु कृष्णकुमार ने दलील दी कि हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई दो दिसंबर को करेगा। वकील ने कहा कि यादव को कई व्यवस्थाएं करनी पड़ीं। कृष्णकुमार ने दलील दी, “मेरे पास आधार कार्ड नहीं है। मुझे अपने सभी दस्तावेज जुटाने हैं। और मुझे दी गई सजा के तहत 54 लाख रुपये का जुर्माना भरने के लिए धन जुटाना है।” सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया।

यादव 23 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है। उसने इस आधार पर भी अंतरिम जमानत मांगी कि उसकी शादी पांच सितंबर को तय हुई थी और उसे 54 लाख रुपये का इंतजाम करना है, जो सजा सुनाए जाने के समय उस पर लगाया गया जुर्माना है। यादव उत्तर प्रदेश के राजनेता डी.पी. यादव का बेटा है। उसके चचेरे भाई विशाल यादव को भी नीतीश कटारा के अपहरण और हत्या के लिए सजा हुई थी।

दोनों दोषी अलग-अलग जातियों से होने के कारण विकास की बहन भारती यादव के साथ कटारा के कथित संबंध के खिलाफ थे। एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई को उसे यह देखते हुए जेल से रिहा करने का आदेश दिया कि उसने इस साल मार्च में अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली थी।

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