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निठारी कांड : कोली को बरी करने के खिलाफ याचिकाएं खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी हत्याकांड मामले में आरोपी सुरेन्द्र कोली को बरी किये जाने के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं को बुधवार को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस के विनोद चंद्रन...
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सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी हत्याकांड मामले में आरोपी सुरेन्द्र कोली को बरी किये जाने के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं को बुधवार को खारिज कर दिया। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निष्कर्षों में कोई खामी नहीं थी। साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि खुले नाले से पीड़ितों की खोपड़ियां और अन्य सामान बरामद करना पुलिस के समक्ष कोली के बयान के बाद नहीं किया गया था। पुलिस द्वारा आरोपी का बयान दर्ज किए बिना की गई कोई भी बरामदगी साक्ष्य कानून के तहत सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं है। न्यायालय ने कहा कि केवल उन बरामदगी को ही साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, जो केवल आरोपियों की पहुंच वाले स्थान से की गई हों। गौर हो कि मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक कोली पर उत्तर प्रदेश के निठारी में अपने पड़ोस के लोगों, खासकर बच्चों, के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप था। कोली को 28 सितंबर, 2010 को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने पंढेर और कोली को मौत की सज़ा के मामले में यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को ‘संदेह से परे’ साबित करने में विफल रहा।

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