Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Nithari Case : बड़ा झटका... कोर्ट ने कोली-पंढेर को बरी करने के खिलाफ CBI व अन्य की याचिकाएं कीं खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़ी 14 याचिकाओं को खारिज कर दिया है
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Nithari Case : सीबीआई और 2006 के निठारी कांड के पीड़ितों के परिवारों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जांच एजेंसी और कुछ परिवार के सदस्यों की 14 याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें इस जघन्य हत्याकांड में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी किए जाने को चुनौती दी गई थी। राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में 29 दिसंबर, 2006 को पंढेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के बाद यह हत्याएं प्रकाश में आईं।

पंढेर के घर के आस-पास के इलाके में और खुदाई एवं नालियों की तलाशी से और भी कंकाल मिले। इनमें से ज़्यादातर अवशेष उस इलाके से लापता हुए गरीब बच्चों और बच्चियों के थे। 10 दिनों के अंदर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला अपने हाथ में ले लिया और उसकी तलाशी में और भी अवशेष बरामद हुए। प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने बुधवार को 14 याचिकाएं खारिज कर दीं। 12 याचिकाएं सीबीआई की ओर से और दो अन्य पप्पू लाल और अनिल हलधर की ओर से दायर की गई थीं।

Advertisement

सीजेआई ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा, "इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले में कोई खामी नहीं है... (याचिकाएं) खारिज की जाती हैं। सुनवाई की शुरुआत में, प्रधान न्यायाधीश ने सीबीआई की ओर से पेश राजा बी ठाकरे और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा से पूछा कि वे बताएं कि इलाहाबाद हाइकोर्ट के निष्कर्षों में क्या गलत और "खामी" है। लूथरा और सीबीआई के वकील ने जब अपहृत बच्चों की खोपड़ियों और उनके सामान की बरामदगी का जिक्र किया तो प्रधान न्यायाधीश ने पूछा, "मुझे एक भी ऐसा फैसला दिखाइए।

Advertisement
×