हत्या की साजिश मामले में निखिल गुप्ता पर अब अमेरिका की अदालत में चलेगा मुकदमा
वाशिंगटन, 18 जून (भाषा) Nikhil Gupta: अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की सुपारी देकर हत्या कराने की साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) को अब अमेरिका की एक अदालत में मुकदमे का सामना करना...
वाशिंगटन, 18 जून (भाषा)
Nikhil Gupta: अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की सुपारी देकर हत्या कराने की साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) को अब अमेरिका की एक अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। अटॉर्नी जनरल मेरिक गार्लैंड ने कहा कि देश अपने नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
गुप्ता (53) को न्यूयॉर्क में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में अमेरिका सरकार के अनुरोध पर 30 जून, 2023 को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था।
उसे गत 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। गुप्ता (Nikhil Gupta) के अटॉर्नी जेफ्री चाबरोवे के अनुसार, सोमवार को उसे मैनहट्टन संघीय अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स कॉट के समक्ष पहली पेशी के तहत प्रस्तुत किया गया, जहां उसने खुद को बेगुनाह बताया।
गार्लैंड ने सोमवार को कहा, ‘‘यह प्रत्यर्पण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि न्याय विभाग अमेरिकी नागरिकों को चुप कराने या उन्हें नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘निखिल गुप्ता पर भारत में सिख अलगाववादी आंदोलन का समर्थन करने के लिए एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाने तथा उसकी हत्या की कथित साजिश में शामिल रहने के मामले में अमेरिका की एक अदालत में मुकदमा चलेगा। भारत सरकार के एक कर्मी के निर्देश पर यह साजिश रची गई।''
मामले में अगली अदालती सुनवाई 28 जून को होगी। गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या कराने और साजिश रचने के आरोप हैं। अगर गुप्ता को दोषी करार दिया जाता है तो उसे प्रत्येक आरोप के लिए अधिकतम 10 साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है।
डिप्टी अटॉर्नी जनरल लिसा मोनाको ने कहा कि सुपारी देकर हत्या कराने की साजिश, कथित तौर पर भारत सरकार के एक कर्मी द्वारा न्यूयॉर्क शहर में एक अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए रची गई थी।
उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक कार्यकर्ता को उसके सर्वोत्कृष्ट अमेरिकी अधिकार-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करने से रोकने का एक शर्मनाक प्रयास था।