मुंबई, 1 जनवरी (एजेंसी) कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगाए जाने के आदेश के मद्देनजर मुंबई में लगातार दूसरे वर्ष नये साल की पूर्व संध्या का जश्न फीका रहा। एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मुंबई के लोगों के पसंदीदा स्थलों जैसे गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, दादर, गिरगांव और जुहू में समुद्र तट लगभग सुनसान नजर आए, क्योंकि इन स्थानों और सड़कों पर तैनात पुलिस कर्मियों ने निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू किया। पुलिस कर्मियों को शुक्रवार शाम 5 बजे की समय सीमा से पहले लोगों को इन स्थानों को खाली करने के लिए कहते देखा गया। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, ‘मुंबई यह आपकी प्रशंसा का पोस्ट है। ये सुनसान और खामोश सड़कें शहर और इसकी सुरक्षा के लिए आपकी चिंता के बारे में बताती हैं। कितने अच्छे से 2022 का स्वागत हुआ है।’ प्रतिबंधों के कारण लोगों ने फोन के जरिए ही परिवारों और दोस्तों को नये साल की शुभकामनाएं दीं। कुछ लोगों ने होटल एवं रेस्तरां में जाकर और मकानों की छतों पर दोस्तों, परिवारवालों के साथ जश्न मनाकर नए साल का स्वागत किया। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस द्वारा 134 स्थानों पर नाकाबंदी या वाहनों की जांच की गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी सड़कों पर गश्त की। शुक्रवार की रात से शनिवार तड़के तक यातायात पुलिस कर्मियों ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए वाहन चालकों के खून के नमूने लिए और मामले दर्ज किए। इसी तरह लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले भी दर्ज किए गए हैं। नये साल का स्वागत करने के लिए बांद्रा-वर्ली सी लिंक, बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) इमारत, सीएसएमटी स्टेशन जैसे कई अन्य स्थान रोशनी से जगमगा उठे। राज्य सचिवालय में रोशनी नहीं की गई। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति और ओमीक्रोन स्वरूप फैलने के मद्देनजर 15 जनवरी तक रोजाना शाम पांच बजे से सुबह पांच बजे के बीच समुद्र तटों, खुले मैदानों, उद्यानों या इसी तरह के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर रोक लगा दी है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।