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New Rules For Schools : शिक्षा विभाग ने तैयार किए रेशनेलाइजेशन के नए नियम, शिक्षक को सप्ताह में 36 पीरियड लेना अनिवार्य

अब कक्षा 6 से 12वीं तक 40 नहीं, अब 50 विद्यार्थियों का होगा एक सेक्शन
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दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

New Rules For Schools : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने नया फार्मूला बनाया है। इसके तहत शिक्षा विभाग ने छठी कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों की संख्या का रेशनेलाइजेशन किया है। अभी तक इन कक्षाओं में 40 विद्यार्थियों का एक सेक्शन होता था। इसमें बढ़ोतरी करते हुए अब सरकार ने तय किया है कि एक सेक्शन में 50 विद्यार्थी होंगे। इनकी संख्या बढ़ने के बाद दूसरा सेक्शन बनाया जाएगा।

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हालांकि शिक्षकों के पदों को भरने के लिए हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को डिमांड भी भेजी जा चुकी है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये भी कांट्रेक्ट पर शिक्षकों की तैनाती की तैयारी है। प्रमोशन के जरिये भी विभिन्न विषयों के शिक्षकों के पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। विद्यार्थियों के रेशनेलाइजेशन के साथ-साथ शिक्षा विभाग ने हर शिक्षक के लिए सप्ताह में 36 पीरियड लेना अनिवार्य किया है।

छठी से आठवीं कक्षा तक सामाजिक अध्ययन (एसएसटी) के शिक्षक को अंग्रेजी, साइंस के शिक्षक को गणित तथा संस्कृत शिक्षक को विद्यार्थियांे को हिंदी भी पढ़ानी होगी। विभाग की ओर से युक्तिकरण के नियम तैयार करके सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए हैं। इतना ही नहीं, नए नियमों को लेकर शिक्षकों की आपत्तियां एवं सुझाव लेने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। वहीं दूसरी ओर, विभाग ने पीजीटी, ईएसएचएम, टीजीटी, सीएंडवी तथा डीपीई के वर्कलोड को लेकर भी नए नियम बनाए हैं।

पीजीटी का वर्कलोड विभाग की ओर से सेक्शन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पहले 40 विद्यार्थियों का एक सेक्शन निर्धारित किया था। अब इसमें बदलाव करते हुए 50 विद्यार्थियों की संख्या पर एक सेक्शन बनाने का फैसला लिया है। 50 से ऊपर विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर सेक्शन निर्धारित किए हैं। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने विभाग की रेशनेलाइजेशन पर आपत्ति जताई है। संघ का कहना है कि रेशनेलाइजेशन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को टीचर उपलब्ध करवाना होना चाहिए न कि पदों को समाप्त करना।

संघ ने मांग कि स्कूलों में प्रत्येक विषय का और प्राथमिक विभाग में प्रत्येक कक्षा को अलग-अलग अध्यापक मिलना चाहिए, अध्यापक अपने मूल विषय के अलावा अन्य विषय के साथ पूर्ण न्याय नहीं कर पाता। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मुखिया का पद स्वतंत्र होना चाहिए। एक अध्यापक के 36 पीरियड हैं, इसलिए 36 पीरियड के बाद दूसरे पद का सृजन किया जाना चाहिए।

एक कक्षा में प्रथम सेक्शन की संख्या 50 न होकर अगले सेक्शनों की तरह 40 ही होनी चाहिए। कक्षा छठी से आठवीं तक पहली पोस्ट एसएस, साइंस, संस्कृत की होगी, जबकि दूसरी पोस्ट अंग्रेजी मैथ व हिंदी की होगी। इसके अलावा एक पद ड्राइंग, होम साइंस, म्यूजिक तथा एक पद टीजीटी फिजिकल एजुकेशन के साथ पीटीआई की होगी। कम से कम चार पोस्ट टीजीटी/सीएंडवी की 6-8 क्लासेज में दी जाएंगी।

स्कूल मुखिया भी लेंगे क्लास

ईएसएचएम को टीजीटी का पूरा वर्कलोड व प्रिंसिपल और हेडमास्टर हाई स्कूल को अपने संबंधित विषय के दो पीरियड लेने अनिवार्य होंगे। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने आरोप लगाया कि ईएसएचएम का पद हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में खत्म कर दिया है। केवल मिडिल स्कूलों में ही ट्रांसफर पॉलिसी के प्वाइंट के अनुसार स्टेशन आवंटित किए जाएंगे। जो बच जाएंगे उन्हें अपने सब्जेक्ट के टीजीटी अध्यापकों के साथ हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मेरिट अनुसार टीजीटी की पोस्ट आवंटित की जाएगी। मिडिल हेड की 100 से अधिक संख्या के स्कूलों में केवल ईएसएचएम की जिम्मेदारी होगी परन्तु उससे कम में उसकी विषय अध्यापक की जिम्मेदारी भी होगी। वहीं सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पीजीटी और टीजीटी के पद निर्धारित किए गए हैं।

इस तरह से होंगे अब नए सेक्शन

छात्र संख्या सेक्शन

1-50 01

51-90 02

91-130 03

131-170 04

171-210 05

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