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हरियाणा में महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल, ‘लखपति दीदी’ से ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ तक वुमन पावर

महिलाएं सिर्फ परिवार नहीं, राज्य के विकास की रीढ़ बनेंगी : नायब सैनी
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हरियाणा सरकार अब महिला सशक्तिकरण को केवल सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि आर्थिक, शैक्षणिक और संरचनात्मक बदलाव की नीति के रूप में ले रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि हरियाणा में महिलाएं सिर्फ परिवार नहीं, अब राज्य के विकास की रीढ़ बनेंगी। वे वीरवार को चंडीगढ़ में भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र को लेकर चार प्रमुख विभागों की योजनाओं की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

बैठक में बताया कि राज्य में अब तक 1.06 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। इस वर्ष 25,000 और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत विशेष शिविर लगाकर इन महिलाओं को बैंक ऋण की सुविधा दी जाए।

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उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक सशक्तिकरण नहीं बल्कि सामाजिक सोच में बदलाव का वाहक बन रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने ‘हर घर-हर गृहिणी’ योजना की प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि पात्र परिवारों को 500 में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए गांवों में कैंप लगाए जाएं। अब तक 18 लाख परिवारों को योजना का लाभ मिल चुका है।

कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास देने के लिए सरकार ने हर जिले में महिला छात्रावास बनाने की योजना शुरू की है। पहले चरण में पंचकूला, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में निर्माण कार्य जारी है। अगली में मानेसर और पानीपत जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम ने इन भवनों को सौर ऊर्जा और वातानुकूलित जैसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने के निर्देश भी दिए।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ़ साकेत कुमार, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव डी़ सुरेश, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के़ मकरंद पांडुरंग, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक डीके बेहरा, निदेशक ग्रामीण विकास राहुल नरवाल, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) वर्षा खंगवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

‘सक्षम’ बनेंगी 2000 आंगनवाड़ी केंद्र

वर्ष 2025-26 तक 2000 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम’ केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा, जहां बच्चों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी प्रशिक्षण, पोषण और परामर्श सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति समुदायों के सामुदायिक भवनों को भी एक समान डिजाइन के साथ, सौर ऊर्जा और एसी सुविधाओं से लैस किया जाए। साथ ही, गांव स्तर पर खेल प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाए।

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