नयी दिल्ली, 5 जुलाई (एजेंसी)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की लड़ाई चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच गयी है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किये हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए।
इस बीच, अजित पवार संख्या के खेल में अपने चाचा शरद पवार से आगे नजर आ रहे हैं। दोनों गुटों ने शक्ति प्रदर्शन करने के लिए बुधवार को अलग-अलग बैठकें की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अजित गुट की यशवंतराव चव्हाण केंद्र में हुई बैठक में राकांपा के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए। वहीं, बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में शरद पवार की बैठक में 18 विधायक उपस्थित थे। राकांपा के गठन के 24 साल बाद 2 जुलाई को इसमें हुई टूट के बाद पहली बार पार्टी की अलग-अलग बैठक हुई। इस दौरान चाचा-भतीजे ने एक-दूसरे पर जमकर तंज कसे।
एक-दूसरे पर कसे तंज
‘आप 83 वर्ष के हैं, कब रुकेंगे?’
राकांपा के विधायकों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में अजित पवार ने 83 वर्षीय शरद पवार को याद दिलाया कि उनके सक्रिय राजनीति से रिटायर होने का समय आ गया है। अजित (63) ने बैठक में कहा, ‘हर किसी की अपनी पारी होती है। सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की आयु तक होता है। आईएएस अधिकारी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं। यहां तक कि राजनीति में भी, भाजपा नेताओं के रिटायर होने की उम्र 75 वर्ष है। आपने लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देखा है। आप (शरद पवार) 83 वर्ष के हैं, क्या आप रुकने नहीं जा रहे हैं? अपना आशीर्वाद दीजिए और हम आपकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेंगे।’ अजित ने जब यह टिप्पणी की, उस वक्त उनके खेमे के 75 वर्षीय सदस्य छगन भुजबल भी मंच पर मौजूद थे।
‘मेरी तस्वीर के अलावा उनके पास कुछ नहीं’
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक के मंच पर खुद की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जो लोग उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो जानते हैं कि उनके पास कुछ और नहीं है। राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हाेंने कहा कि वह किसी को भी पार्टी का चुनाव चिन्ह छीनने नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले, उन्होंने (अजित ने) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने इतने साल में ऐसा सीएम कभी नहीं देखा, लेकिन आज उन्होंने उनसे हाथ मिला लिया।’ उन्हाेंने याद दिलाया कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राकांपा को भ्रष्ट पार्टी बताया था। शरद पवार ने अजित गुट को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा के एक-एक सहयोगी ने ‘राजनीतिक तबाही’ का सामना किया है और उनका भी यही हश्र होगा। उन्होंने अकाली दल का उदाहरण देते हुए कहा, ‘अपने राजनीतिक सहयोगियों को धीरे-धीरे कमजोर करना भाजपा की नीति है।’
अजित पवार को अध्यक्ष चुनने का दावा
अजित पवार के गुट ने उन्हें राकांपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का दावा किया है। गुट की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, चुनाव आयोग को एक हलफनामे के माध्यम से सूचित किया गया है कि अजित पवार को गत 30 जून को पार्टी के सदस्यों, विधायी और संगठनात्मक, दोनों इकाइयों के भारी बहुमत द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से राकांपा प्रमुख चुना गया। बयान में कहा गया है कि प्रफुल्ल पटेल राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे। बयान के अनुसार, राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की नियुक्ति अवैध थी, उनकी जगह सुनील तटकरे को प्रदेश राकांपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।