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Nepal Interim Govt Formation : सुशीला कार्की ने नेपाल की पहली महिला PM के रूप में ली शपथ

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में 73 वर्षीय कार्की को पद की शपथ दिलाई

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पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की ने शुक्रवार को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। इसके साथ ही नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो सकती है क्योंकि कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के चलते मंगलवार को के पी शर्मा ओली को अचानक प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति कार्यालय में 73 वर्षीय कार्की को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति पौडेल और नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री के अलावा, उपराष्ट्रपति राम सहाय यादव और प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह रावत भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि नई कार्यवाहक सरकार को छह महीने के भीतर नए संसदीय चुनाव कराने का दायित्व सौंपा गया है।

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जानें सुशीला कार्की के बारे में

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करीब 50 साल पहले जब सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी, तो शायद उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि वह नेपाल की राजनीति में एक कीर्तिमान स्थापित करेंगी। जुलाई 2016 में कार्की को नेपाल का 24वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर आसीन होने वाली पहली और अब तक की एकमात्र महिला बनीं।

कार्की का जन्म 7 जून 1952 को पूर्वी नेपाल के विराटनगर के शंकरपुर-3 में हुआ था, जो भारतीय सीमा के निकट है। उन्होंने 1971 में महेंद्र मोरंग परिसर-त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से स्नातक की डिग्री और 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।

कार्की ने न्यायिक पेशे में 32 साल बिताए और न्यायपालिका के क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति का प्रतीक बन गईं। उन्होंने 1979 में विराटनगर में अपनी वकालत शुरू की, जहां उनकी मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उनके कानूनी करियर को आकार दिया। इस बीच, 1985 में उन्हें महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षक के रूप में भी नियुक्त किया गया। कार्की 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं।

2009 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 18 नवंबर 2010 को वह स्थायी न्यायाधीश बनीं। कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी हैं और विराटनगर के एक साधारण किसान परिवार में पली-बढ़ीं। उनका विवाह नेपाली कांग्रेस के पूर्व लोकप्रिय नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुआ है।

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