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Nepal Gen-Z Protest : नेपाल में बवाल के बाद भारत ने सरहदों पर बढ़ाई चौकसी, उत्तराखंड की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी

नेपाल में अशांति: उत्तराखंड ने सीमावर्ती इलाकों में चौकसी बढ़ाई, कई राज्यों ने हेल्पलाइन शुरू की
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Nepali army soldiers patrol at the road near the Singha Durbar office complex that houses the Prime Minister's office and other ministries, following protests against Monday's killing of 19 people after anti-corruption protests triggered by a social media ban which was later lifted, in Kathmandu, Nepal, September 10, 2025. REUTERS/Navesh Chitrakar
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Nepal Gen-Z Protest : नेपाल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लगाए जाने के बीच भारत के कई राज्यों ने हिंसा प्रभावित देश में फंसे अपने निवासियों की सहायता के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित किए हैं और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है। नेपाल में व्यापक प्रदर्शनों के बाद देश में राजनीतिक संकट गहराने के बीच भारत ने मंगलवार को कहा कि वह नेपाल के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है और उम्मीद जताई कि शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों का समाधान हो जाएगा।

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने देश भर में बढ़ते सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने कई शीर्ष नेताओं के घरों, राजनीतिक दलों के मुख्यालयों पर हमला किया और यहां तक ​​कि संसद भवन में भी तोड़फोड़ की गई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि नेपाल में करीब 200 तेलुगु लोग फंसे हुए हैं। कर्नाटक से नेपाल गई एक पर्यटक ने बताया कि काठमांडू में कई भारतीय फंसे हुए हैं। अपनी बहन के साथ कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर गईं गौरी के. ने बताया कि वह भी बड़ी संख्या में भारतीयों के साथ एक होटल में फंसी हुई हैं।

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बेंगलुरु में काम करने वालीं चेन्नई निवासी गौरी ने काठमांडू से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, "आज हमारी उड़ान थी, लेकिन काठमांडू में अशांति के कारण सभी विमानन कंपनियों ने अपनी सेवाएं रद्द कर दी हैं। मैं अब होटल में फंसी हुई हूं।" उनके अनुसार, होटल में 150 से अधिक भारतीय पर्यटक ठहरे हुए हैं, जिनमें लगभग 20 बेंगलुरु से हैं। एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो और स्पाइसजेट ने बुधवार को काठमांडू हवाई अड्डा बंद होने के कारण वहां से आने-जाने वाली अपनी उड़ानें रद्द कर दीं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से नेपाल सीमा से लगे इलाकों में सतर्कता बढ़ाने को कहा है। मंगलवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गहन जांच कर असामाजिक या शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। उत्तराखंड के तीन जिले पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर नेपाल की सीमा से लगे हैं। धामी ने सोशल मीडिया की निगरानी भी सतत रूप से करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रामक सूचना या उकसाने वाली सामग्री पर समय रहते कार्रवाई की जा सके। उत्तर प्रदेश में भी नेपाल की सीमा से लगे सभी जिलों में पुलिस चौबीसों घंटे ‘हाई अलर्ट' पर है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि उनकी सरकार ने पर्यटकों और छात्रों सहित राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र से संपर्क किया है। मुख्यमंत्री पटेल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा की घटनाओं के कारण फंसे गुजराती पर्यटकों और छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य प्रशासन विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में है। इस संबंध में मैंने राज्य के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।'' आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान जैसे कई राज्यों ने नेपाल में फंसे अपने निवासियों की सहायता के लिए विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं।

आंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल में फंसे तेलुगु लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नयी दिल्ली स्थित आंध्र भवन में एक आपातकालीन प्रकोष्ठ स्थापित किया है। आंध्र प्रदेश भवन के आयुक्त अरजा श्रीकांत ने कहा कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है और काठमांडू के बाफल में लगभग 30 तेलुगु लोगों को वर्तमान में भोजन, आवास और चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि काठमांडू के एक होटल में ठहरे कुछ तेलुगु परिवारों को पास के एक अतिथि गृह में भेजा गया, क्योंकि खबरें आई थीं कि उपद्रवी होटल के बाहर इकट्ठा हो गए और उन्होंने (उपद्रवियों) आगजनी की धमकी दी।

तेलंगाना सरकार ने बुधवार को नेपाल में फंसे राज्य के लोगों की मदद के लिए नयी दिल्ली स्थित तेलंगाना भवन में एक विशेष हेल्पलाइन स्थापित की। एक विज्ञप्ति में कहा गया कि हालांकि तेलंगाना के निवासियों के घायल होने या लापता होने की कोई सूचना नहीं है लेकिन फिर भी राज्य सरकार अपने लोगों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के साथ समन्वय के मकसद से एहतियाती कदम उठा रही है।

राजस्थान पुलिस ने नेपाल में फंसे राज्य के लोगों और उनके परिवारों की सहायता के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ भी स्थापित किया है। पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा के निर्देशानुसार अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के कार्यालय में यह प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय ने कहा है कि नेपाल में फंसे राज्य के लोग सुरक्षित हैं। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार के अधिकारी विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और कन्नड़ लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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