नयी दिल्ली, 21 सितंबर (एजेंसी)
संसद से पारित हुए कृषि संबंधी विधेयकों को ऐतिहासिक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ये सुधार 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं। इससे किसानों का भविष्य उज्ज्वल होगा। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि इससे न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त होगा और न ही कृषि मंडियां। प्रधानमंत्री ने बिहार में 9 राजमार्ग परियोजनाओं और राज्य के सभी गांवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए ऑप्टिकल फाइबर सेवाओं का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा, ‘देश में अब तक उपज और बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून हैं, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हुए, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। इस व्यवस्था में बदलाव करना आवश्यक था।’ मोदी ने कहा कि नये कृषि सुधारों ने देश के हर किसान को आजादी दी है कि वह किसी को भी, कहीं पर भी अपनी फसल, अपनी शर्तों पर बेच सकता है। अब उसे अपने क्षेत्र की मंडी के अलावा भी कई और विकल्प मिल गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘कृषि मंडी में पहले काम जैसे होता था, अब भी वैसे ही होगा।’ कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है, इसलिए यह लोग किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा, मैं भरोसा देता हूं कि एमएसपी की व्यवस्था जैसे चलती आ रही थी वैसे ही चलेगी।
गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ा 50 रुपये
नयी दिल्ली (एजेंसी) : सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 50 रुपये बढ़ाकर 1975 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में 6 रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी गयी है। कृषि मंत्री ने कहा, ‘एमएसपी, एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी, सरकारी खरीद होती रहेगी और इसके साथ किसान जहां चाहें अपने उत्पाद बेच सकेंगे।’