नयी दिल्ली, 13 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की याचिका पर नीट-पीजी-2022 परीक्षा स्थगित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि विलंब करने से डॉक्टरों की अनुपलब्धता होगी और मरीजों की देखभाल पर गंभीर असर पड़ेगा। यह परीक्षा 21 मई को होनी है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि परीक्षा स्थगित करने से ‘अराजकता और अनिश्चितता’ की स्थिति पैदा होगी और छात्रों के एक बड़े वर्ग पर इसका इसर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। पीठ ने कहा, ‘छात्रों के दो वर्ग हैं – एक जो स्थगन की मांग कर रहा है और 2 लाख 6 हजार से अधिक उम्मीदवारों का एक बड़ा वर्ग है, जो परीक्षा के लिए तैयारी कर चुका है। वह इसके स्थगित होने से प्रभावित होगा।
न्यायालय ने कहा कि सरकार निर्धारित समय पर परीक्षा कराने की कोशिश कर रही है, क्योंकि कोरोना के कारण पहले ही परीक्षा पर असर पड़ा है। पीठ ने कहा, ‘महामारी के कारण प्रभावित हुए देश के पटरी पर लौटने के साथ इस अदालत द्वारा निर्धारित किए गए समय का पालन किया जाना चाहिए।’ अदालत से परीक्षा को इस आधार पर रद्द करने का अनुरोध किया गया है कि इसकी तारीख और नीट-पीजी 2021 के लिए चल रही काउंसिलिंग की तारीख एक ही दिन पड़ेगी।