ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

NDLS Stampede Case : 'लोगों ने धक्का-मुक्की की... जो गिर गए, वे कुचले गए', यात्रियों ने बताई उस रात की आपबीती

NDLS Stampede Case : 'लोगों ने धक्का-मुक्की की... जो गिर गए, वे कुचले गए', यात्रियों ने बताई उस रात की आपबीती
Advertisement

नई दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा)

NDLS Stampede Case : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस भयावह घटना के बाद स्टेशन पर यात्रियों का सामान यहां-वहां बिखरा पड़ा था और मदद के लिए लोग चिल्ला रहे थे।

Advertisement

रेलवे स्टेशन पर पिछले 12 साल से दुकान संचालित कर रहे रवि कुमार नाम के व्यक्ति ने बताया कि जैसे ही प्लेटफॉर्म संबंधी घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे और जो लोग गिर गए, वे भीड़ में कुचले गए। कुमार ने कहा कि उन्होंने स्टेशन पर पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी। रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने ने 18 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्लेटफॉर्म में बदलाव के बारे में संभवत: गलत घोषणा से भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जिसके कारण भगदड़ मची। उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर खड़ी थी। अप्रत्याशित संख्या में यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए खड़े थे।

उन्होंने भगदड़ का कारण बताते हुए कहा, "कुछ लोग ‘फुटओवर ब्रिज' से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे फिसलकर अन्य लोगों पर गिर गए।'' कुमार ने घटना के दुखद दृश्यों को याद करते हुए कहा, ‘‘प्लेटफॉर्म संख्या 12, 14 और 15 पर भीड़ बहुत अधिक थी। प्रयागराज जाने वाली सभी ट्रेन में क्षमता से अधिक लोग थे। प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही एक प्लेटफॉर्म पर खड़ी थी, तभी दूसरी ट्रेन के आने की घोषणा हुई। जैसे ही घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ने लगे। प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाला फुटब्रिज छोटा है और भीड़ में लोग गिर गए तथा कुचल गए।''

पहाड़गंज निवासी वेदप्रकाश ने अपनी पत्नी के साथ प्रयागराज जाने की योजना बनाई थी, लेकिन भारी भीड़ देखकर उन्होंने घर लौटने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ''ट्रेन के अंदर भी खड़े होने की जगह नहीं थी। मैं बाहर निकल गया और मैंने वापस जाने का फैसला किया।''

मृतकों की पहचान आशा देवी (79), पिंकी देवी (41), शीला देवी (50), व्योम (25), पूनम देवी (40), ललिता देवी (35), सुरुचि (11), कृष्णा देवी (40), विजय साह (15), नीरज (12), शांति देवी (40), पूजा कुमारी (आठ), संगीता मलिक (34), पूनम (34), ममता झा (40), रिया सिंह (सात), बेबी कुमारी (24) और मनोज (47) के रूप में हुई है।

मृतक पूनम देवी के परिजन रविवार को उनका शव लेने के लिए लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) पहुंचे। पूनम शनिवार रात बिहार स्थित अपने घर जा रही थीं। पूनम के एक रिश्तेदार ने कहा, ''स्टेशन पर बहुत भीड़ थी और पूनम को जिस ट्रेन से जाना था, वह प्लेटफॉर्म संख्या 12 पर आने वाली थी लेकिन एक घोषणा होने के बाद लोग भागने लगे और जो लोग गिर गए, वे कुचले गए।''

मारे गए लोगों में अपने परिवार के साथ बिहार के छपरा जा रही एक अन्य महिला भी शामिल है। इस महिला के बेटे ने अपने आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा, ''हम बिहार के छपरा जा रहे थे लेकिन भगदड़ में मेरी मां की मौत हो गई। लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे।'' वहीं, एक अन्य यात्री धर्मेंद्र सिंह ने कहा, ''मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेन देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। मैंने इस स्टेशन पर पहली बार इतनी भीड़ देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को ‘स्ट्रेचर' पर ले जाया गया।''

यात्री प्रमोद चौरसिया ने कहा, ''मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का ‘स्लीपर क्लास' का टिकट था, लेकिन ‘कन्फर्म' टिकट वाले भी ट्रेन में नहीं चढ़ पाए। मेरे एक दोस्त और एक महिला यात्री भीड़ में फंस गए। बहुत ज्यादा धक्का-मुक्की हुई। हम अपने बच्चों के साथ बाहर इंतजार कर रहे थे और इस तरह से सुरक्षित रहे।''

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsDelhi RailwaysDelhi stampedeDelhi Stampede CaseDelhi station stampedeHindi Newslatest newsNDLS stampedeNew DelhNew Delhi Railway StationNew Delhi Railway Station Stampedeदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार