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राजग सरकार के घटक दल तेदेपा ने चुनाव आयोग पर आंखें तरेरी

कहा- चुनाव से महज 6 माह पूर्व ठीक नहीं मतदाता सूची रिवीजन
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नयी दिल्ली, 15 जुलाई (एजेंसी)

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तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (रिवीजन) के लिए पर्याप्त समय देने का आग्रह किया है। तेदेपा का कहना है कि इसे किसी बड़े चुनाव के छह महीने के भीतर नहीं कराया जाना चाहिए तथा नवीनतम मतदाता सूची में पहले से नामांकित मतदाताओं को अपनी पहचान पुनः स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

भाजपा के सहयोगी एवं केंद्र सरकार में शामिल पार्टी द्वारा निर्वाचन आयोग को दिए गए सुझाव बिहार में चल रहे रिवीजन को लेकर राजनीतिक विवाद के बीच आए हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव के करीब होने के कारण इसका क्रियान्वयन और कई मामलों में संभावित मतदाताओं पर प्रमाण प्रस्तुत करने का बोझ विपक्षी दलों की आलोचना का कारण बना है। तेदेपा ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम पहले से शामिल करने से उसकी वैधता की धारणा बनती है और नाम हटाने से पहले वैध जांच होनी चाहिए। तेदेपा ने कहा, ‘सबूत का भार ईआरओ या आपत्तिकर्ता पर होता है, मतदाता पर नहीं।’

आंध्र प्रदेश के लिए यह समय उपयुक्त

तेदेपा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी से मुलाकात की। तेदेपा ने कहा कि आंध्र प्रदेश में 2029 से पहले विधानसभा चुनाव नहीं होंगे, इसलिए रिवीजन यह सुनिश्चित करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करता है कि मतदाता सूचियों को निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी तरीके से अद्यतन किया जाए। इसने निर्वाचन आयोग से कहा कि वह राज्य में यह प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू करे, तथा इसके लिए पर्याप्त समय और अग्रिम सूचना की आवश्यकता पर बल दिया।

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