हिंसा छोड़ विकास यात्रा का हिस्सा बनें नक्सली : शाह
शाह ने दंतेवाड़ा शहर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में कहा कि अगले वर्ष यह कार्यक्रम राज्य में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर के आदिवासी भाग लेंगे। शाह ने कहा, वे दिन चले गए जब यहां (बस्तर में) गोलियां चलती थीं और बम फटते थे। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच वर्ष में बस्तर को वह सब कुछ देना चाहते हैं, जिसने 50 साल से विकास नहीं देखा। यह तभी हो सकता है जब बस्तर में शांति हो, बच्चे स्कूल जाएं, गांवों और तहसीलों में स्वास्थ्य सुविधाएं हों, हर किसी के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा हो। जब बस्तर के लोग तय करें कि वे अपने घरों और गांवों को नक्सल मुक्त बनाएंगे।
शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घोषणा की है कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करेंगे और खुद को माओवादी मुक्त घोषित करेंगे, उन्हें एक करोड़ रुपये (निर्माण कार्यों के लिए) दिए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने माओवादियों से हिंसा छोड़ने की अपील करते हुए कहा, कोई किसी को मारना नहीं चाहता। बस अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। उन्होंने कहा, 2025 में चौथे माह की शुरुआत तक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इससे पहले 881 नक्सली 2024 में आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने मां दंतेश्वरी मंदिर में की पूजा-अर्चना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी थे। शाह नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल सुरक्षा बलों के कमांडरों से बातचीत करेंगे। गृह मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया है।