नेशनल हेराल्ड मामला : आरोपियों की दलीलों का ईडी ने किया विरोध
नयी दिल्ली, 8 जुलाई (एजेंसी)प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपियों की दलीलों का विरोध किया। आरोपियों ने अपनी दलीलें पूरी कर लीं। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के बीच हुआ लेन-देन एक दिखावा था।
संघीय एजेंसी ने सोनिया और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण पर साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले में धोखाधड़ी से एजेएल की संपत्ति हड़प ली। राजू ने तर्क दिया, 'अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को धन दिया गया था, जिसका उचित उपयोग किया जाना था, लेकिन जिस तरह से उन्होंने 90 करोड़ रुपये का उपयोग किया (उससे पता चलता है) कि उन्होंने आपराधिक विश्वासघात किया है।' उन्होंने कहा कि एजेएल और यंग इंडियन के बीच हुआ लेन-देन एक दिखावा था। उनकी दलीलें 12 जुलाई को जारी रहेंगी।
ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 (धन शोधन) और 4 (धन शोधन के लिए सजा) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड का भी नाम है। सभी आरोपियों ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के मुद्दे पर ईडी की याचिका का विरोध किया और आरोपों से इनकार किया।