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National Herald Case : दिल्ली पुलिस ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को जारी किया नोटिस

नोटिस में ईओडब्ल्यू ने शिवकुमार को 19 दिसंबर तक पेश होने या मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा

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डीके शिवकुमार की फाइल फोटो।
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दिल्ली पुलिस ने नेशनल हेराल्ड मामले की जांच के तहत कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार को नोटिस जारी कर वित्तीय और लेनदेन संबंधी विवरण मांगा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि शिवकुमार के पास इस साल तीन अक्टूबर को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित ‘‘महत्वपूर्ण जानकारी होने की संभावना है''। नोटिस 29 नवंबर को जारी किया गया था।

नोटिस में ईओडब्ल्यू ने शिवकुमार को 19 दिसंबर तक पेश होने या मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। जांच अधिकारियों ने उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि, कांग्रेस पार्टी के साथ उनके जुड़ाव और उनके या उनकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा ‘यंग इंडियन' को कथित रूप से हस्तांतरित धनराशि का पूरा ब्योरा मांगा है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्हें भाजपा के साथ के साथ तालमेल नहीं बिठाने के कारण निशाना बनाया जा रहा है और यह दर्शाता है कि वह कांग्रेस के लिए ‘‘झटका झेलने'' वाले प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शिवकुमार कांग्रेस नेताओं में ‘‘सबसे अधिक सताए गए'' हैं लेकिन भाजपा उन्हें ‘‘तोड़ने'' में सफल नहीं होगी।

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नोटिस में कहा गया है कि आपको सूचित किया जाता है कि ईओडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस उपरोक्त मामले की प्राथमिकी की जांच कर रही है और आपके पास उपरोक्त मामले के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी है।'' ईओडब्ल्यू के सवालों में शिवकुमार के बैंक लेन देन का उद्देश्य इन निधियों का स्रोत, उनके और ‘यंग इंडियन' या एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के पदाधिकारियों के बीच किसी भी संचार का विवरण, क्या भुगतान किसी के निर्देश पर किया गया था और क्या उन्हें धन के इच्छित उपयोग के बारे में पता था जैसे सवाल शामिल हैं। ईओडब्ल्यू ने आयकर रिकॉर्ड, वित्तीय विवरण और भुगतान के संबंध में जारी किए गए किसी भी दान प्रमाण पत्र की भी मांग की है।

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नेशनल हेराल्ड मामला मूल रूप से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में की गई एक निजी शिकायत पर आधारित है। यह इस आरोप पर आधारित है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 988 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को ‘यंग इंडियन' ने 2010 में एआईसीसी से जुड़े एक लेनदेन के माध्यम से 50 लाख रुपये में खरीद लिया था। प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में एजेएल की परिसंपत्ति को ‘यंग इंडियन' को हस्तांतरित करने के संबंध में आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है। ‘यंग इंडियन' एक ऐसी कंपनी है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की संयुक्त रूप से 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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