जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को राज्यसभा की चार सीटों के चुनाव परिणाम में ‘इंडिया’ गठबंधन की सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने तीन सीटें जीतीं, जबकि चौथी सीट भाजपा के खाते में गई।
राज्यसभा में पहुंचने वाले नेकां नेताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी मोहम्मद रमज़ान, पूर्व राज्य मंत्री सज्जाद किचलू और पार्टी कोषाध्यक्ष गुरविंदर सिंह उर्फ़ शम्मी ओबरॉय शामिल हैं। भाजपा की ओर से सत शर्मा विजयी हुए। चार सीटों के लिए सुबह मतदान शुरू हुआ था। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और विधायक सज्जाद लोन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। डोडा के विधायक मेहराज मलिक, जो वर्तमान में जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं, ने डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला।
देर शाम नेकां ने घोषणा की कि पार्टी ने तीन सीटें जीत ली हैं। भाजपा ने भी घोषणा की कि उसके उम्मीदवार सत शर्मा ने 32 वोट हासिल करके चौथी सीट जीत ली है, जबकि नेकां उम्मीदवार इमरान नबी डार को 22 वोट मिले।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा, जिसकी वर्तमान सदस्य संख्या 88 है, में नेकां के 41 विधायक हैं और उसे निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। चुनाव से ठीक पहले नेकां को उस समय बल मिला जब उसकी प्रतिद्वंद्वी पीडीपी (इंडिया ब्लॉक का हिस्सा) और गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने अपने मतभेद भुलाकर उसके उम्मीदवारों का समर्थन करने पर सहमति जताई।
नेकां के लिए शुरुआती तीन सीटों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक रहे, लेकिन चौथी सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जीत ने उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। नेकां ने पहले यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को देने की पेशकश की थी, जिसने इसे ‘जोखिम भरी सीट’ बताते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। नेकां द्वारा तीन सीटें जीतने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाया।
क्रॉस वोटिंग का अंदेशा, उमर ने कहा-हमारा कोई विधायक शामिल नहीं : आश्चर्य की बात यह रही कि विजयी भाजपा उम्मीदवार शर्मा को 32 वोट मिले, जो क्रॉस-वोटिंग का संकेत है। उन्हें अन्य दलों से चार वोट मिले। नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद भाजपा विधायक पार्टी मुख्यालय पहुंचे और एक सीट पर जीत का जश्न मनाया। वहीं, मुख्यमंत्री उमर ने दावा किया कि ‘हमारे किसी भी विधायक ने कोई क्रॉस-वोटिंग नहीं की।’

