नयी दिल्ली, 8 फरवरी (एजेंसी)
उत्तराखंड के चमोली जिले में बाढ़ के कारणों का पता लगा रहे विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण जलवायु परिवर्तन, पश्चिमी विक्षोभ या दोनों हो सकते हैं। बर्फ एवं हिमस्खलन अध्ययन संस्थान बाढ़ के कारणों का पता लगा रहा है, लेकिन ठंड के समय में ग्लेशियर के पिघलने का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पा रहा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के महानिदेशक रंजीत रथ ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि बाढ़ ग्लेशियर झील फटने के कारण आयी या भूस्खलन और हिमस्खलन के कारण अस्थायी तौर पर यह घटना घटी। रथ ने कहा, ‘जल स्तर कम होते ही विशेषज्ञों की टीम क्षति का आकलन करेगी और ग्लेशियर टूटने के कारणों का पता लगाएगी।’ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में ग्लेशियोलॉजी एवं हाइड्रोलॉजी के सहायक प्रोफेसर फारूक आजम ने कहा, ‘हम घटना को समझने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल यही कह सकते हैं कि ग्लेशियर करीब 500-600 मीटर से फिसला, जिससे भूस्खलन हुआ और यह आपदा आई।’ आजम ने कहा कि उपग्रह और गूगलअर्थ तस्वीरों से क्षेत्र में ग्लेशियर झील होने के बारे में पता नहीं चलता है, लेकिन संभावना है कि वहां पानी का क्षेत्र हो। आजम ने कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इलाके में यह घटना हुई।’