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कांग्रेस के कुछ नेताओं से मेरी राय अलग : शशि थरूर

तिरुवनंतपुरम, 19 जून (एजेंसी)कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी नेतृत्व में कुछ नेताओं से उनके मतभेद हैं, लेकिन नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के मद्देनजर वह इस बारे में बात नहीं करेंगे।...
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तिरुवनंतपुरम, 19 जून (एजेंसी)कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी नेतृत्व में कुछ नेताओं से उनके मतभेद हैं, लेकिन नीलांबुर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के मद्देनजर वह इस बारे में बात नहीं करेंगे। थरूर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस, उसके मूल्य और उसके कार्यकर्ता उन्हें बहुत प्रिय हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने 16 वर्ष तक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ निकटता से मिलकर काम किया है और वह उन्हें अपना करीबी मित्र एवं भाई मानते हैं।

थरूर ने कहा कि हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व में कुछ लोगों से उनकी राय अलग है। थरूर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पार्टी नेता व पूर्व सांसद उदित राज ने उन्हें ‘भाजपा का सुपर प्रवक्ता' बताया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने बृहस्पतिवार को इसे ‘गलत धारणा' करार दिया। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने संकेत दिया कि वह उपचुनाव के नतीजों के बाद उन मतभेदों के बारे में बात कर सकते हैं। उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान का हिस्सा न होने पर थरूर ने कहा कि उन्हें इसके लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

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देश के लिए काम करना और बोलना हमारा कर्तव्य

‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार करने के अपने फैसले पर थरूर ने कहा कि जब वह संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने थे, तब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनका ध्यान भारत की विदेश नीति एवं उसके राष्ट्रीय हित पर है, न कि कांग्रेस और भाजपा की विदेश नीति पर।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना रुख नहीं बदला है। जब राष्ट्र से जुड़ा कोई मुद्दा सामने आता है तो हम सभी का कर्तव्य होता है कि हम देश के लिए काम करें और बोलें। थरूर ने कहा कि मेरी सेवाएं केंद्र ने मांगी थीं। वास्तव में, मेरी पार्टी ने ये (सेवाएं) नहीं मांगी, इसलिए मैंने एक भारतीय नागरिक के रूप में अपना कर्तव्य गर्व से निभाया।

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