Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

'मेरी जान को खतरा...', Rahul Gandhi का कोर्ट में दावा, महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र कर कहा- इतिहास दोहराने न दें

नाथूराम और गोपाल गोडसे महात्मा गांधी की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी थे
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई कर रही पुणे की एक कोर्ट से बुधवार को कहा कि उन्हें विनायक दामोदर सावरकर और नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोगों से खतरे की आशंका है। उन्होंने कहा कि ‘‘निवारक सुरक्षा'' देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। विनायक दामोदर सावरकर के पौत्र सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे गांधी ने यहां सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन में यह दावा किया।

इस मामले में मुकदमा अभी शुरू होना है। यह गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी एवं हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के खिलाफ की गईं कथित टिप्पणियों से संबंधित है। गांधी के वकील मिलिंद पवार द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे के समक्ष दायर किए गए आवेदन में कहा गया कि शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर ने स्वीकार किया था कि वह मातृवंश के माध्यम से नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के भी प्रत्यक्ष वंशज हैं। नाथूराम और गोपाल गोडसे महात्मा गांधी की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी थे।

Advertisement

आवेदन में कहा गया कि गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने हाल में नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर देश के सामने निर्वाचन आयोग द्वारा कथित चुनाव धोखाधड़ी किए जाने के सबूत रखे थे। उन्होंने संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया। ‘‘वोट चोर सरकार'' जैसे नारे लगाए तथा हिंदुत्व विषय पर संसदीय बहस के दौरान प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जो कि जनता को अच्छी तरह से ज्ञात है। इसके मद्देनजर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि शिकायतकर्ता, विनायक सावरकर की विचारधारा से जुड़े लोग और सावरकर के कुछ अनुयायी जो वर्तमान में सत्ता में हैं, गांधी के प्रति शत्रुता या नाराजगी रखते होंगे।

शिकायतकर्ता के वंश से जुड़ी हिंसक और संविधान-विरोधी प्रवृत्तियों के इतिहास और मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए, इस बात की स्पष्ट, उचित और पर्याप्त आशंका है कि राहुल गांधी को नुकसान पहुंचाया जा सकता है या अन्य प्रकार से निशाना बनाया जा सकता है...। आवेदन में कहा गया कि चरमपंथी गुटों से जुड़ी राजनीतिक हिंसा के ऐतिहासिक रिकॉर्ड और शिकायतकर्ता की राजनीतिक-वैचारिक विरासत तथा वर्तमान में बढ़ती शत्रुता के माहौल को देखते हुए, यह आशंका न तो अस्पष्ट है और न ही निराधार है।

ऐसी परिस्थितियों में निवारक सुरक्षा न केवल विवेकपूर्ण है, बल्कि सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है। वकील ने कहा कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि विनायक दामोदर सावरकर की असंवैधानिक विचारधारा, विचारों से प्रेरित, नाथूराम और गोपाल गोडसे जैसी खतरनाक मानसिकता रखने वाले कुछ लोग गांधी के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। अदालत पहले ही इस मामले में गांधी को जमानत दे चुकी है। याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्यकी सावरकर ने कहा कि यह ‘‘तुच्छ'' है।

Advertisement
×