Murder Case : "ब्लाइंड मर्डर" में चंडीगढ़ पुलिस की बड़ी कामयाबी... कत्ल कर पैदल अंबाला भागा हत्यारा, 700 से ज्यादा CCTV खंगालकर दबोचा
विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 24 अप्रैल
Murder Case : कत्ल के बाद पैदल भागा, गुमनाम चेहरा... न कोई सुराग, न चश्मदीद। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने इस "ब्लाइंड मर्डर" केस में वो कर दिखाया जो फिल्मों में भी मुश्किल लगता है। 14 अप्रैल को सेक्टर-54 के सरकारी स्कूल के पास एक अर्धनग्न युवक की लाश मिली। घटना स्थल पर सन्नाटा था लेकिन पुलिस की जांच में जो तेजी और बारीकी दिखी, उसने पूरे मामले को पलट कर रख दिया। महज 10 दिन में 700 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगालकर पुलिस ने आरोपी रोहित उर्फ रॉकी को अंबाला से दबोच लिया।
कत्ल की खामोश सुबह और पुलिस की सतर्क निगाहें
सुबह 7:20 बजे SI कुलदीप सिंह को सूचना मिली कि एक युवक का शव सेक्टर-54 के सरकारी स्कूल के पास कच्चे रास्ते में पड़ा है। गले, सिर और सीने पर गहरे घाव थे। शव अर्धनग्न अवस्था में था और चारों ओर खून फैला हुआ था। मामला पूरी तरह ब्लाइंड था, लेकिन पुलिस ने ठान लिया था कि हत्यारा कितना भी शातिर क्यों न हो, बचेगा नहीं।
तलाश शुरू हुई चंडीगढ़ से, खत्म हुई अंबाला में
क्राइम सेल और थाना सेक्टर-39 की टीमों ने इंस्पेक्टर जसपाल सिंह भुल्लर और इंस्पेक्टर चिरंजी लाल के नेतृत्व में जांच शुरू की। चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला रेलवे स्टेशन, बाजार, गलियां, मंदिर-गुरुद्वारे, धर्मशालाएं, झुग्गी बस्तियां, शादी हॉल और ऑटो-टैक्सी स्टैंड तक खंगाले गए।
CCTV ने खोला राज - दोस्त बना हत्यारा
फुटेज से साफ हुआ कि मृतक संदीप और आरोपी रोहित एक साथ ऑटो में चंडीगढ़ आए थे। हत्या के बाद रोहित किसी वाहन की मदद लिए बिना फ्रैंको होटल, भेना दा ढाबा, एयरपोर्ट रोड, बन्नूर, शंभू बैरियर होते हुए पैदल अंबाला पहुंच गया।
23 अप्रैल को गिरफ्तार, खून से सने कपड़े बरामद
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से संदीप के खून से सनी टी-शर्ट और पैंट बरामद हुई हैं।
आरोपी की प्रोफाइल - पढ़ा-लिखा नहीं, पर हत्या में चालाक
रोहित उर्फ रॉकी, उम्र 20 वर्ष, निवासी दुर्गा नगर, अंबाला, एक अनपढ़ दिहाड़ी मजदूर है। उसके खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन उसने पुलिस पूछताछ में हत्या करना कबूल किया है। पुलिस अब हत्या की असली वजह तलाश रही है—झगड़ा, धोखा, या कोई और राज?
4 हजार लोगों से पूछताछ, सैकड़ों फुटेज खंगाले
पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए 3500 से 4000 लोगों से पूछताछ की और 700 से ज्यादा CCTV फुटेज की बारिकी से जांच की। लोकल पुलिस, CIA-2, RPF, GRP और खुफिया नेटवर्क को इस ऑपरेशन में शामिल किया गया।