मुंबई, 5 मई (एजेंसी) धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद के बीच मुंबई पुलिस ने वाहन निर्माताओं से अनुरोध किया है कि ध्वनि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप वे वाहनों के हॉर्न की आवाज की सीमा कम रखें। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि फिलहाल वाहनों के हॉर्न की आवाज 92 डेसिबल से 112 डेसिबल के बीच होती है, जो शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘हमने ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए हाल ही में विभिन्न वाहन निर्माताओं के साथ बैठक करके उनसे वाहनों के हॉर्न की आवाज कम करने के लिए कहा है।’ अधिकारी ने बताया कि शहर की पुलिस भी तेज हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि रात में भी तेज आवाज के हॉर्न बजाने पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि महानगर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त करने की मंशा से पुलिस वाहन डीलर के साथ भी बैठक करेगी। अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने हाल ही में कई बिल्डर और डेवलपर से मिलकर उनसे निर्माण कार्यों के कारण उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण में कमी लाने के लिए कहा है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।