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Mumbai Boat Accident : बच्चों को समुद्र में फेंकने की तैयारी कर रहे थे घबराए माता-पिता, CISF ने दिया आश्वासन और फिर...

'वॉकी-टॉकी' पर सूचना आई कि यात्री नौका डूब रही है
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नई दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा)

Mumbai Boat Accident : मुंबई के तट पर एक पर्यटक नौका के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद उसमें सवार घबराए माता-पिता अपने बच्चों को समुद्र में फेंकने की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के समुद्री कमांडो की एक टीम ने उन्हें यह आश्वासन देकर रोक लिया कि सभी को बचा लिया जाएगा।

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CISF कांस्टेबल अमोल सावंत (36) और उनके दो सहकर्मी 18 दिसंबर की दुर्घटना के बाद सबसे पहले वहां पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। बुधवार की दोपहर मुंबई में 'गेटवे ऑफ इंडिया' से एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही एक नौसेना की नौका के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 14 लोगों की मौत हो गई। सावंत ने बताया कि हम तट से कुछ दूरी पर नियमित गश्त पर थे, तभी हमारे 'वॉकी-टॉकी' पर यह सूचना आई कि एक यात्री नौका डूब रही है। मैंने नौका चालक से तेजी से नौका चलाने को कहा।

कुछ ही समय में 3-4 किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंच गए। दुर्घटना स्थल को देखकर आश्चर्यचकित थे, लेकिन एक प्रशिक्षित सैनिक होने के नाते, मैं समझ गया था कि क्या और कैसे करना है। नवी मुंबई स्थित 'जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी)' की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ इकाई में तैनात जवान ने कहा, "हमने देखा कि लोग अपने बच्चों को समुद्र के पानी में फेंकने के लिए तैयार थे, यह सोचकर कि वे डूबते जहाज से बच जाएंगे। मैंने उनसे कहा कि वे घबराएं नहीं और ऐसा प्रयास न करें।

हमने जल्द ही स्थिति को संभाल लिया। जब मैंने देखा कि बच्चे डूबती हुई नौका के अवशेषों से खतरनाक तरीके से लटके हुए हैं, उनके असहाय माता-पिता भी, तो मैंने व मेरे साथियों ने बच्चों को पकड़ लिया और अपनी नाव में ले आए। उन्होंने पहले प्रयास में 6-7 बच्चों को बचाया, उसके बाद महिलाओं और पुरुषों को भी बचाया। हमारी ओर कई हाथ उठे, कुछ चिल्ला रहे थे, कुछ बस उन्हें बचाने की गुहार लगा रहे थे। हम उस दुर्भाग्यपूर्ण नौका पर सवार 50-60 लोगों की मदद करने और उन्हें बचाने में सफल रहे।

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