Mukesh Ambani Security Dispute : अंबानी परिवार की Z+ सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख, चुनौती पर लगाई रोक
नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा)
Mukesh Ambani Security Dispute : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक वादी द्वारा बार-बार याचिका दायर करने पर उसे फटकार लगाई और उद्योगपति मुकेश अंबानी तथा उनके परिवार के सदस्यों को प्रदान की गई ‘जेड प्लस' सुरक्षा वापस लेने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि न्याय प्रक्रिया पर दबाव डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की आंशिक कार्य दिवस वाली पीठ ने याचिकाकर्ता विकास साहा को इस मुद्दे पर एक के बाद एक “तुच्छ” और “परेशान करने वाली” याचिकाएं दायर करने के लिए चेतावनी दी और कहा कि यदि वह भविष्य में ऐसी याचिकाएं दायर करते हैं तो अदालत उन पर जुर्माना लगाने के लिए बाध्य होगी।
साहा ने एक निस्तारित याचिका में एक आवेदन दायर कर फरवरी 2023 के आदेश के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा रद्द करने की उनकी याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि इस मामले में उनका कोई अधिकार नहीं है।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने साहा के वकील से कहा, “न्याय प्रक्रिया पर दबाव डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसा मत कीजिए। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और हम आपको चेतावनी दे रहे हैं। ऐसा मत सोचिए कि यहां कोई सोने की खान है जिसे छीना जा सकता है और हम आपकी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए यहां हैं। यह एक पवित्र चीज है, चाहे वह कोई राजनीतिक व्यक्ति हो या कोई व्यवसायी, राज्य को जो भी एहतियात बरतना होगा, वह करेगा।”
पीठ ने वकील से यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह निर्णय नहीं कर सकता कि किसे क्या सुरक्षा दी जानी है तथा यह केवल केंद्र और राज्य का काम है, जो विभिन्न एजेंसियों द्वारा विश्लेषण किए गए खतरे के आधार पर निर्णय लेते हैं कि क्या एहतियाती कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। पीठ ने वकील से पूछा, “यह कुछ नया है जो सामने आया है। न्यायशास्त्र की नयी विधा। क्या यह हमारा क्षेत्राधिकार है? खतरे की धारणा तय करने वाले आप कौन होते हैं? यह भारत सरकार तय करेगी। कल अगर कुछ हुआ तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे? या फिर न्यायालय इसकी जिम्मेदारी लेगा?”