नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (एजेंसी)
इस साल देश में झमाझम बारिश होगी। मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह पूर्वानुमान जताया। मानसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। आईएमडी के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच 106 फीसदी बारिश हो सकती है।
महापात्रा ने कहा कि मौसम विभाग पूर्वानुमान में अल नीनो, ला नीनो, हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां और उत्तरी गोलार्ध में बर्फीले आवरण संबंधी स्थिति के प्रभाव को देखता है और यह सभी स्थितियां इस बार भारत में अच्छे मानसून के अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि 1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के आधार पर हाल के वर्षों में नयी दीर्घावधि औसत पेश की गई है, जिसके तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होती है। उन्होंने कहा कि अगर मानसून लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) की 96 फीसदी से 104 प्रतिशत के बीच बारिश होती है तो वह सामान्य मानी जाती है। एलपीए की 106 फीसदी बारिश सामान्य से अधिक की श्रेणी में आती है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम स्थिति बनी हुई है तथा मानसून के शुरुआती दौर में अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ अल नीनो-दक्षिणी दोलन में बदलने की संभावना है। इसके बाद अगस्त-सितंबर में ला नीना स्थितियां विकसित होंगी।
हिमाचल, उत्तराखंड सहित कुछ हिस्सों में कम वर्षा के आसार
मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना दिख रही है। उसके मुताबिक इसी तरह से पूर्वोत्तरी राज्यों-असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। पूर्वी राज्यों- ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है।