Monsoon Session : अगले हफ्ते होगी तीखी बहस, ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर गरमाएगा संसद में माहौल
Monsoon Session : संसद में अगले सप्ताह पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होने की संभावना है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस मुद्दे पर 16-16 घंटे की चर्चा होने की उम्मीद है। सरकार ने 21 जुलाई को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में लोकसभा में इस मुद्दे पर 16 घंटे की चर्चा के लिए सहमति व्यक्त की थी और बुधवार को राज्यसभा की बीएसी की बैठक में भी ऐसा ही निर्णय लिया गया।
विपक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चर्चा के दौरान सदन में रहें और इस मुद्दे पर बोलें। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई व्यवधान नहीं हुआ तो लोकसभा में 28 जुलाई को और राज्यसभा में एक दिन बाद चर्चा शुरू होगी। सोमवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से, कई मुद्दों, खासकर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने प्रदर्शन किया है, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही।
विपक्ष ने सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर और 22 अप्रैल के पहलगाम हमले पर चर्चा को प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने चर्चा पर प्रधानमंत्री के जवाब की विपक्ष की मांग पर कोई आश्वासन नहीं दिया है, लेकिन अगले सप्ताह संसद में चर्चा कराने के अपने प्रस्ताव के संबंध में कहा है कि मोदी अपनी चार दिवसीय विदेश यात्रा से तब तक वापस आ जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को ब्रिटेन एवं मालदीव की विदेश यात्रा पर रवाना हुए।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष पर होने वाली चर्चा न केवल राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी होगी, बल्कि वैश्विक समुदाय भी इस पर ध्यान देगा। भाजपा नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री इस अवसर का इस्तेमाल आतंकवादी हमले पर अपनी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया और कई मुद्दों पर अपने रुख को व्यक्त करने के लिए कर सकते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी बोलेंगे या नहीं, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उच्च सदन की बीएसी की बैठक में शामिल हुए राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया, "हमने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चर्चा के दौरान मौजूद रहें, और सरकार ने हमें इसका आश्वासन दिया है।" सोमवार को जगदीप धनखड़ के उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह बीएसी की पहली बैठक थी। इससे पहले, उन्होंने सदन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए लगातार दो बैठकों की अध्यक्षता की थी। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं।
धनखड़ ने दूसरी बैठक रद्द कर दी और इसे मंगलवार के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया क्योंकि राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्त होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए थे। धनखड़ ने कुछ घंटे बाद "स्वास्थ्य कारणों'' से इस्तीफा दे दिया। बीएसी में विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और इसकी अध्यक्षता दोनों सदनों के संबंधित पीठासीन अधिकारी करते हैं। विपक्ष ने बिहार में एसआईआर सहित कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कराने की मांग की है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया है।