चंडीगढ़, 23 जुलाई (एजेंसी)
हरियाणा एवं पंजाब में मानसून ने इस बार अच्छी रफ्तार पकड़ी है। इसका परिणाम यह हुआ है कि दोनों राज्यों को ‘कोटे से अधिक’ पानी मिल गया है। कोटे से अधिक का मतलब है सामान्य से कुछ फीसदी ज्यादा बारिश दोनों राज्यों में हो चुकी है। हालांकि दोनों राज्यों के कुछ जिलों में जरूरतभर के बादल नहीं बरसे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा और पंजाब में पिछले दो सप्ताह में मानसून गतिविधियों में तेजी आने के कारण दोनों राज्यों के अधिकतर हिस्सों में एक जून से 22 जुलाई के बीच अधिक बारिश हुई है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस अवधि के दौरान, पंजाब में 208.6 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य 168.3 मिमी से 24 प्रतिशत अधिक है। हरियाणा में सामान्य 161.3 मिमी के मुकाबले 188.7 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो 17 प्रतिशत अधिक है।’ उन्होंने कहा कि एक जून से 22 जुलाई के बीच हरियाणा के 16 और पंजाब के 17 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। इस दौरान दोनों राज्यों के छह जिलों में कम बारिश हुई। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में 487.1 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 344 मिमी से 42 प्रतिशत अधिक बारिश है। जानकारों ने कहा, ‘मानसून की मौजूदा बारिश धान, कपास और बाजरा सहित खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद होगी।’
गौर हो कि देश की कुल वार्षिक बारिश की करीब 70 प्रतिशत वर्षा मानसून में होती है और देश का करीब 60 प्रतिशत बुआई क्षेत्र सिंचाई के लिए इसी पर निर्भर करता है। भारत की आधी आबादी कृषि पर निर्भर है। मौसम विभाग के अनुसार, दोनों राज्यों में मानसून की शुरुआत होने के बाद एक जून और 22 जुलाई के बीच सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
कहां कितने बरसे बादल
हरियाणा में वर्षा वितरण का विवरण देते हुए, मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि कैथल में 290.8 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 104 प्रतिशत अधिक है, जबकि फतेहाबाद में 207.5 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 99 प्रतिशत अधिक थी। हालांकि, यमुनानगर और गुरुग्राम में क्रमश: 24 फीसदी और 39 फीसदी कम बारिश हुई। पंजाब के फिरोजपुर में 238.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य बारिश 100.6 मिलीमीटर से 139 प्रतिशत अधिक है, जबकि फरीदकोट में सामान्य से 94 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। हालांकि, मोगा उन जिलों में शामिल है जहां कम बारिश हुई।