मोगा जिले की अतिरिक्त उपायुक्त चारुमिता को निलंबित कर दिया है। मुख्य सचिव ने पंजाब सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1970 का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की।
सूत्रों के अनुसार, धर्मकोट से बहादुरवाला तक राष्ट्रीय राजमार्ग 703 के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था। वित्तीय लेनदेन में अनियमितताएं पाई गईं। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने पीसीएस अधिकारी चारुमिता के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया। पंजाब के राज्यपाल के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने संबंधित आदेश जारी किया।
बताया गया कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस साल सितंबर में चारुमिता के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल किया था और 3.7 करोड़ रुपये के मुआवजे से संबंधित कथित धोखाधड़ी की सतर्कता ब्यूरो से जांच की मांग की थी। अनियमितताएं तब सामने आईं जब संबंधित पक्ष ने बढ़े मुआवज़े के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। अदालत के नोटिस का जवाब देते हुए अधिकारियों ने पाया कि अधिग्रहण दस्तावेज़ गायब थे, जिसके बाद अदालत ने फिरोजपुर के उपायुक्त के नेतृत्व में एक जांच का आदेश दिया। जांच में मोगा के राजस्व अधिकारियों द्वारा सीमांकन, मूल्यांकन और रिकॉर्ड रखने में ‘गंभीर प्रक्रियात्मक खामियां’ पाई गईं।

