प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा संघर्ष को समाप्त कराने संबंधी योजना का मंगलवार को स्वागत किया। उन्होंने साथ ही कहा कि यह फलस्तीन और इस्राइल के लोगों के साथ-साथ पूरे पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करती है।
दरअसल, ट्रंप ने सोमवार को इस्राइल और हमास के बीच जारी संघर्ष समाप्त कराने संबंधी एक योजना की घोषणा की और इस दौरान इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूदे थे। ट्रंप और नेतन्याहू ने कहा कि वे गाजा में युद्ध समाप्त करने की योजना पर सहमत हो गए हैं। फलस्तीन ने भी ट्रंप के 20 सूत्री शांति प्रस्ताव का मंगलवार को स्वागत किया और कहा कि यह पहल उसकी भूमि एवं संस्थानों का एकीकरण सुनिश्चित करेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने आशा व्यक्त की कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल के लिए एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने तथा शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।
ये है अमेरिकी राष्ट्रपति का प्लान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के अनुसार, गाजा को कट्टरपंथ और आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा, जो अपने पड़ोसियों के लिए कोई खतरा नहीं होगा। दोनों पक्षों की सहमति पर युद्ध तत्काल समाप्त होगा; इस्राइली सेना पीछे हटेगी और बंधकों की रिहाई की तैयारी की जाएगी। इस्राइल द्वारा समझौता सार्वजनिक रूप से स्वीकार किए जाने के 72 घंटे के भीतर हमास द्वारा सभी बंधकों (जीवित और मृत) को वापस किया जाएगा। सभी बंधकों की रिहाई के बाद, इस्राइल आजीवन कारावास की सजा काट रहे 250 कैदियों और 1700 गाजा वासियों को रिहा करेगा, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल होंगे। मृत इस्राइली बंधकों के बदले मृत गाजावासियों के शव भी लौटाए जाएंगे। जो हमास सदस्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेंगे और अपने हथियार त्यागेंगे, उन्हें माफी दी जाएगी। जो गाजा छोड़ना चाहेंगे, उन्हें सुरक्षित निकासी दी जाएगी। गाजा में तुरंत पूर्ण मानवीय सहायता भेजी जाएगी, जिसमें आधारभूत ढांचे का पुनर्निर्माण भी शामिल होगा। गाजा का प्रशासन एक अस्थायी, तकनीकी और गैर-राजनीतिक फलस्तीनी समिति को सौंपा जाएगा, जिसकी निगरानी ‘बोर्ड ऑफ पीस’ करेगा। इस निकाय के अध्यक्ष राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर सहित अन्य वैश्विक नेता सदस्य बनाए जाएंगे। गाजा के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास के लिए एक विशेष योजना बनाई जाएगी। एक विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की जाएगी। किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। हमास और अन्य गुटों को गाजा के शासन में किसी भी प्रकार की भागीदारी की अनुमति नहीं होगी। पूरे क्षेत्र का पूर्ण निरस्त्रीकरण स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की निगरानी में किया जाएगा। अमेरिका, अरब देशों और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर गाजा में एक अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (आईएसएफ) तैनात करेगा, जो स्थानीय फलस्तीनी पुलिस बलों को प्रशिक्षित करेगा और सुरक्षा बनाए रखेगा। इस्राइल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा।