Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Modi-Putin Meeting : पुतिन से मुलाकात में पीएम मोदी का बड़ा बयान, बोले - अब युद्ध नहीं, संवाद का समय

मोदी ने पुतिन से मुलाकात की; यूक्रेन संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान किया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Modi-Putin Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सोमवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष को यथाशीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है। मोदी और पुतिन ने चीनी बंदरगाह शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर बातचीत की।

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण संबंधों में तनाव बढ़ गया है।

Advertisement

भारत द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया तथा इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर आगे बढ़ने पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा, ‘‘हम यूक्रेन में शांति लाने के सभी हालिया प्रयासों का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष ‘रचनात्मक तरीके से' आगे बढ़ेंगे।''

उन्होंने कहा कि मानवता का आह्वान है कि संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए और क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के तरीके खोजे जाएं। मोदी ने कहा कि भारत रूसी नेता का स्वागत करने का इंतजार कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए पुतिन दिसंबर में भारत आने वाले हैं।

मोदी ने कहा कि भारत और रूस कठिन समय में भी हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच घनिष्ठ संबंध वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन से संबंधित ताजा घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।'' उसने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए हाल में की गई पहलों के प्रति अपना समर्थन दोहराया और संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने एवं एक स्थायी शांति समझौता करने की आवश्यकता पर बल दिया।'' विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि की।

प्रधानमंत्री मोदी ‘‘सार्थक'' चीन यात्रा पूरी कर स्वदेश रवाना

प्रधानमंत्री  मोदी चीन की ‘‘सार्थक'' यात्रा पूरी करने के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में यहां आए थे।

उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट' में कहा कि उन्होंने यहां ‘‘प्रमुख वैश्विक मुद्दों'' को लेकर भारत के रुख पर जोर दिया। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘चीन की सार्थक यात्रा का समापन हुआ, जहां मैंने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत की। साथ ही प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत के रुख पर भी जोर दिया।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन के ‘‘सफल आयोजन'' के लिए राष्ट्रपति शी, चीन सरकार और देश की जनता के आभारी हैं। मोदी की चीन यात्रा सात साल के अंतराल के बाद हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में सोमवार को कहा कि पहलगाम में हुआ भयावह आतंकवादी हमला न केवल भारत की अंतरात्मा पर आघात है, बल्कि यह मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक राष्ट्र के लिए एक खुली चुनौती भी है।

उन्होंने आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने की जोरदार वकालत की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और वैश्विक नेताओं की उपस्थिति में मोदी ने वार्षिक शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ‘‘मानवता के प्रति हमारा कर्तव्य है''। प्रधानमंत्री ने समूह के प्रति भारत के दृष्टिकोण और नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए शंघाई सहयोग संगठन के संक्षित नाम ‘एससीओ' का नया अर्थ प्रस्तुत किया।

उन्होंने बताया, ‘‘एससीओ के ‘एस' का अर्थ है ‘सिक्योरिटी' यानी सुरक्षा, ‘सी' का अर्थ है ‘कनेक्टिविटी' यानी संपर्क और ‘ओ' का अर्थ है ‘ऑपचुनिटी' यानी अवसर।'' इसके बाद मोदी ने भारत रवाना होने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता की और उनसे कहा कि यूक्रेन संघर्ष को यथाशीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है।

प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया तथा इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर आगे बढ़ने पर संतोष व्यक्त किया। मोदी ने रविवार को शिखर सम्मेलन से इतर शी चिनफिंग के साथ भी बातचीत की।

दोनों नेताओं ने वैश्विक वाणिज्य को स्थिर करने के लिए व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया और चुनौतियों से निपटने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। वे सीमा संबंधी गंभीर मुद्दे के ‘‘निष्पक्ष'' समाधान की दिशा में काम करने पर भी सहमत हुए।

मोदी की शी एवं पुतिन के साथ बैठक ऐसे समय में हुईं जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण संबंधों में तनाव बढ़ गया है। मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद चीन पहुंचे थे।

Advertisement
×