कोलकाता, 9 मई (एजेंसी)पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे कोविड-19 महामारी से लड़ने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और दवाइयों पर सभी तरह के करों और सीमा शुल्क में छूट देने का अनुरोध किया। बनर्जी ने मोदी से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा मजबूत करने और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपकरण, दवाओं तथा ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘बड़ी संख्या में संगठन, लोग और परोपकारी एजेंसियां ऑक्सीजन सांद्रक, सिलेंडर, कंटेनर और कोविड संबंधित दवाएं दान देने के लिए आगे आयी हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘कई दानदाताओं ने इन पर सीमा शुल्क, एसजीएसटी, सीजीएसटी, आईजीएसटी से छूट देने पर विचार करने के लिए राज्य सरकार का रुख किया है।” बनर्जी ने कहा, ‘‘चूंकि इनकी कीमतें केंद्र सरकार के कार्य क्षेत्र में आती है तो मैं अनुरोध करती हूं कि इन सामान पर जीएसटी/सीमा शुल्क और अन्य ऐसे ही शुल्कों तथा करों से छूट दी जाए ताकि कोविड-19 महामारी के कुशल प्रबंधन में उपरोक्त जीवनरक्षक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिल सके।” गौरतलब है कि बनर्जी देश में इस संक्रामक रोग को फैलने से रोकने में ‘‘नाकाम” रहने के लिए केंद्र पर निशाना साधती रही हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।