दैनिक ट्रिब्यून टीम
कुल्लू/शिमला, 3 अक्तूबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल के मनाली में रोहतांग दर्रे पर 3500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी देश की सबसे लंबी ‘अटल’ टनल देश को समर्पित की। प्रधानमंत्री आज सुबह हेलीकाप्टर मनाली पहुंचे। उनके साथ इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल के सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर और सीडीएस बिपिन रावत, आर्मी चीफ नरवणे भी वहां उपस्थित थे। टनल के द्वार पर पहुंचने के बाद पीएम ने विशिष्ट लोगों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने रिमोट के जरिए उद्घाटन पट्टिका से पर्दा हटाया। औपचारिक फोटो होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग में अकेले ही अवलोकन के लिये निकल गये।
उल्लेखनीय है कि इस टनल के शुरु होने के साथ ही हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के लोगों को करीब 6 माह की बर्फ की कैद से आजादी मिल जायेगी। शीत मरुस्थल कहे जाने वाले लाहौल स्पिति की जिंदगी भी बदल जायेगी।
3500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी रोहतांग सुरंग दुनिया की 10 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर बनी कुछ गिनी-चुनी सुरंगों में से सबसे लम्बी सुरंग है। इस सुरंग की लम्बाई 9.02 किलोमीटर है। सीमा सड़क संगठन के लगभग 3000 मजदूरों ने 10 साल तक इस सुरंग का निर्माण किया और इस दौरान अनेक दिक्कतों का भी उन्हें सामना करना पड़ा। इनमें से 6 दर्जन से अधिक मजदूरों को निर्माण के दौरान अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इस सुरंग के बन जाने से सबसे अधिक फायदा सेना को होगा क्योंकि सेना के लिए साजो-सामान और रसद इस सुरंग के बन जाने से लेह-लद्दाख पहुंचाना काफी आसान हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस सुरंग का नींव पत्थर उस समय की संप्रग सरकार की चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा 28 जून, 2010 को किया गया था।
इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना
रोहतांग सुरंग कई मायनों में इंजीनियरिंग की दृष्टि से बेमिसाल है। दुनिया की अनूठी सुरंगों में इसका नाम शुमार होने जा रहा है। 9 किलोमीटर से अधिक लम्बी इस सुरंग में ट्रैफिक के लिए डबल लेन बनाई गई है, जिसकी चौड़ाई 11.25 मीटर है। जिस रोहतांग दर्रे को पार करने में लोगों का खून जम जाता था, उसके नीचे से लोग कुछ ही मिनटों में दूसरी दुनिया में पहुंच जाएंगे। आपात स्थिति में इस सुरंग से बाहर निकलने के लिए इसी सुरंग के नीचे एक और सुरंग बनाई गई है, जिसमें छोटी गाड़ियां आसानी से एक छोर से दूसरे छोर तक जा सकती हैं। टनल में वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। सुरंग में जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। भीतर एमरजेंस फोन की भी सुविधा दी गयी है।