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मिजोरम जेडपीएम को बहुमत, 27 सीटों पर जीत

सत्तारूढ़ एमएनएफ 10 पर सिमटा, सीएम-डिप्टी सीएम हारे
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जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा। -प्रेट्र
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आइजोल, 4 दिसंबर (एजेंसी)

जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने मणिपुर विधानसभा की 40 में से 27 सीटें जीतकर सोमवार को राज्य में बहुमत हासिल कर लिया। राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को 10 सीटों पर जीत मिली। भाजपा दो सीटें हासिल कर पायी, जबकि कांग्रेस के हाथ एक सीट आयी है।

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राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा आइजोल ईस्ट-प्रथम सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार लालथनसांगा से 2,101 मतों से हार गए। उप मुख्यमंत्री तावंलुइया भी अपनी सीट नहीं बचा पाये। एमएनएफ के 11 मंत्रियों में से 9 हार गए। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में एमएनएफ ने 26 सीट जीती थीं। मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने सोमवार शाम राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।

जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप सीट पर एमएनएफ के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,982 मतों से हराया।

मिजोरम के इतिहास में यह पहली बार होगा कि 1987 में इसके गठन के बाद से पूर्वोत्तर राज्य पर गैर-कांग्रेस तथा गैर-एमएनएफ सरकार का शासन होगा। जेडपीएम के 73 वर्षीय प्रमुख लालदुहोमा ने पहली बार 1984 में कांग्रेस के टिकट पर मिजोरम विधानसभा का चुनाव लड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा कांग्रेस छोड़ने के बाद 1988 में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद थे।

राज्य में एमएनएफ, जेडपीएम और कांग्रेस ने 40-40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। मिजोरम में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। इसके अलावा 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।

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