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मिग-21 : ‘विदाई’ के ‘आसमान’ में गूंजेगी ‘आखिरी गर्जना’

फुल ड्रेस रिहर्सल सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने बिखेरा जादू । छह दशकों तक भारतीय आकाश का प्रहरी अब चंडीगढ़ से भरेगा अंतिम उड़ान
वायुसेना प्रमुख उड़ा सकते हैं मिग-21 चंडीगढ़ (विजय मोहन) : वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह द्वारा मिग-21 लड़ाकू विमान की अंतिम उड़ान भरे जाने की उम्मीद है। फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान वायु सेना अधिकारियों ने यह जानकारी दी। समारोह में छह पूर्व वायुसेना प्रमुख भी शामिल होंगे। इनमें एयर चीफ मार्शल अनिल यशवंत टिपनिस, एयर चीफ मार्शल श्रीनिवासपुरम कृष्णास्वामी, एयर चीफ मार्शल शशींद्र पाल त्यागी, एयर चीफ मार्शल प्रदीप वसंत नाइक, एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ और एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया शामिल हैं।
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एक युग का अंत होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना का गौरव, दुश्मनों का खौफ़ और आकाश का अडिग प्रहरी ‘मिग-21’ दो दिन बाद यानी 26 सितंबर को चंडीगढ़ एयरबेस से आखिरी बार उड़ान भरेगा। छह दशकों तक हर युद्ध, हर मोर्चे और हर मुश्किल में साथ निभाने वाला यह लड़ाकू विमान अब सेवा से विदा हो रहा है।

यह सिर्फ एक विमान नहीं था, यह साहस की आवाज, शक्ति का प्रतीक और भारत के आसमान की ढाल था। 1971 का भारत-पाक युद्ध इतिहास की सबसे निर्णायक घड़ियों में से एक था। उस समय ढाका का गवर्नर हाउस पाकिस्तानी सत्ता का केंद्र था। जब मिग-21 ने गर्जना के साथ आसमान चीरते हुए वहां बम बरसाए, तो पाकिस्तान सेना को घुटने टेकने में देर नहीं लगी। इन सटीक हमलों के बाद ढाका का पतन हुआ और बांग्लादेश आज़ाद राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर दर्ज हुआ।

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मिग-21 की यह कार्रवाई सिर्फ़ एक मिशन नहीं थी, बल्कि करोड़ों लोगों की आज़ादी का सपना साकार करने वाली उड़ान थी। 1965 के युद्ध में जब पाकिस्तानी एफ-104 स्टारफाइटर जैसे आधुनिक विमानों ने भारत को चुनौती दी, तब मिग-21 ने उन्हें ध्वस्त कर दिया। 1999 के कारगिल युद्ध में भी इसकी दहाड़ ने दुश्मन के मनोबल को तोड़ डाला। हाल के वर्षों में ‘बालाकोट स्ट्राइक’ और हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी यह अग्रिम पंक्ति में खड़ा होकर पाकिस्तान को करारा जवाब देता रहा। विंग कमांडर जयदीप सिंह कहते हैं, ‘मिग-21 केवल एक मशीन नहीं था। यह हमारी ताकत, हमारी आत्मा और हमारी जीत की गूंज था। यह हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेगा।’

भावुक कर देने वाली रिहर्सल

विदाई की तैयारी में बुधवार को हुई फुल ड्रेस रिहर्सल ने ही लोगों को भावुक कर दिया। वायुसेना की शान सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने आसमान में लाल-सफेद धारियां बनाते हुए अद्भुत करतब दिखाए। पैंथर और जगुआर ने भी आकाश को दहला दिया। और जब मिग-21 ने अपने पंख फैलाकर उड़ान भरी तो ज़मीन पर खड़े हर शख्स की आंखें भर आईं। मिग-21 की जगह अब स्वदेशी तेजस वायुसेना का नया प्रहरी बनेगा। यह आधुनिक तकनीक से लैस है और भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में भारत की ताकत को और बढ़ाएगा।

-जहां से शुरुआत, वहीं से विदाई

1963 में जब मिग-21 भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हुआ, तो उसका पहला ठिकाना बना 12 विंग एयरबेस चंडीगढ़। यहीं से यह 26 सितंबर को आखिरी बार उड़ान भरेगा। विदाई समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना और नौसेना प्रमुखों के साथ कई अधिकारी और पायलट शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक उड़ान में छह मिग-21 विमान हिस्सा लेंगे।

वायुसेना प्रमुख उड़ा सकते हैं मिग-21

चंडीगढ़ (विजय मोहन) : वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह द्वारा मिग-21 लड़ाकू विमान की अंतिम उड़ान भरे जाने की उम्मीद है। फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान वायु सेना अधिकारियों ने यह जानकारी दी। समारोह में छह पूर्व वायुसेना प्रमुख भी शामिल होंगे। इनमें एयर चीफ मार्शल अनिल यशवंत टिपनिस, एयर चीफ मार्शल श्रीनिवासपुरम कृष्णास्वामी, एयर चीफ मार्शल शशींद्र पाल त्यागी, एयर चीफ मार्शल प्रदीप वसंत नाइक, एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ और एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया शामिल हैं।

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