चंडीगढ़ में मेट्रो परियोजना गति पकड़ेगी आज से
नितिन जैन/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 जून
करीब 13 साल पहले परिकल्पित चंडीगढ़ मेट्रो परियोजना पटरी पर लौट आई है, मंगलवार को हितधारकों की बैठक होगी, जिसमें ट्राइसिटी के लिए स्वीकृत इस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के भाग्य का फैसला किया जाएगा।
पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया द्वारा नवंबर 2024 में गठित चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति एवं आरआईटीईएस लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत परिदृश्य विश्लेषण रिपोर्ट पर चर्चा करेगी। इससे पहले संबंधित निकाय ने फरवरी और जनवरी में यहां दो बैठकें की थीं।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को ट्रिब्यून से कहा, ‘मेसर्स राइट्स लिमिटेड ने समिति की पहले हुई दो बैठकों के संदर्भ में परिदृश्य विश्लेषण रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें परिवहन मांग का आकलन, यातायात विश्लेषण क्षेत्र और राजमार्ग नेटवर्क जैसी कई चीजें शामिल हैं।’ रिपोर्ट में परिचालन घंटों, उपयोग किए गए डाटा विश्लेषण मॉडल, सवारियों का अनुमान और चंडीगढ़ प्रशासन के बस किराए की तुलना में किराया संरचना पर विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 17 जून को सभी हितधारकों के साथ एक बैठक निर्धारित की गई है।
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परियोजना तब से अब तक
16 अगस्त, 2012 : डीएमआरसी ने तत्कालीन पंजाब के राज्यपाल को
डीपीआर सौंपी
9 जुलाई, 2015 : चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
2017 : कम व्यवहार्यता के कारण परियोजना को रद्द कर दिया गया
नवंबर 2022 : इस पर फिर विचार हुआ। राइट्स को योजना बनाने को कहा गया
मार्च 2023 : नवीनतम प्रस्ताव में चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला को जोड़ने वाले तीन गलियारों के माध्यम से 85.65 किलोमीटर का नेटवर्क शामिल। केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी
जुलाई 2023 : चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा ने नयी परियोजना को मंजूरी दी
नवंबर 2024 : चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त समिति गठित
मुख्य मुद्दे
n पिछली बैठकों में उठे मुद्दों पर प्रगति
n मेट्रो के लिए वास्तविक बनाम अनुमानित यात्रियों के आंकड़े।
n अनुमानित किराये की बस फेयर से तुलना
n प्रति वर्ष 3 प्रतिशत यातायात वृद्धि का समाधान
लागत
n गलियारा 1, 2 और 3 एलिवेटेड की लागत 23,263 करोड़ का अनुमान। इसी गलियारे की भूमिगत की लागत 27,680 करोड़ होने का अनुमान
n 2031 तक क्रमश: 25,631, 30,498 करोड़ का अनुमान
(दिल्ली मेट्रो के किराए के आधार पर अध्ययन)