नयी दिल्ली, 6 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अायोग के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणियों को कठोर माना, लेकिन उन्हें हटाने से इनकार करते हुए कहा कि यह न्यायिक आदेश का हिस्सा नहीं हैं। न्यायिक कार्यवाही के दौरान की गयी टिप्पणियों की रिपोर्टिंग करने से मीडिया को रोकने का अनुरोध भी शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने बृहस्पतिवार काे आयोग की याचिका पर कहा कि मीडिया को अदालत की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने का अधिकार है। पीठ ने कहा, ‘उच्च न्यायालयों को टिप्पणियां करने और मीडिया को टिप्पणियों की रिपोर्टिंग करने से रोकना प्रतिगामी कदम होगा।’ हालांकि, उसने यह भी कहा कि बिना सोचे-समझे की गयी टिप्पणियों की गलत व्याख्या किए जाने की आशंका होती है। अदालतों को मीडिया की बदलती प्रौद्योगिकी को लेकर सजग रहना होगा। शीर्ष अदालत ने कोरोना के दौरान सराहनीय काम करने के लिए उच्च न्यायालयों की प्रशंसा की और कहा कि वे महामारी प्रबंधन पर प्रभावी रूप से नजर रख रहे हैं।
यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ निर्वाचन आयोग की एक अपील पर आया है। हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए उसे कोरोना फैलने के लिए जिम्मेदार बताया था और यहां तक कहा था कि उसके अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाना चाहिए।