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SBI सहित शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों का Mcap 60,675.94 करोड़ रुपये बढ़ा

SBI MCAP: सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 60,675.94 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक को हुआ।...
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SBI MCAP: सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 60,675.94 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक को हुआ। छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र के सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 739.87 अंक या 0.92 प्रतिशत चढ़ा, वहीं निफ्टी 268 अंक या 1.10 प्रतिशत के लाभ में रहा।

शीर्ष 10 कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और इन्फोसिस के मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई। वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और बजाज फाइनेंस के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई।

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समीक्षाधीन सप्ताह में भारतीय स्टेट बैंक का बाजार पूंजीकरण 20,445.82 करोड़ रुपये बढ़कर 7,63,095.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे अधिक लाभ एसबीआई को ही हुआ। एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 14,083.51 करोड़ रुपये बढ़कर 15,28,387.09 करोड़ रुपये हो गया।

इन्फोसिस की बाजार हैसियत 9,887.17 करोड़ रुपये बढ़कर 6,01,310.19 करोड़ रुपये हो गई। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 8,410.6 करोड़ रुपये बढ़कर 10,68,260.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 7,848.84 करोड़ रुपये बढ़कर 18,59,023.43 करोड़ रुपये रहा। इस रुख के उलट एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 15,306.5 करोड़ रुपये घटकर 5,61,881.17 करोड़ रुपये रह गया।

बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 9,601.08 करोड़ रुपये घटकर 5,35,547.44 करोड़ रुपये रह गई। वहीं आईसीआईसीआई बैंक के मूल्यांकन में 6,513.34 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 10,18,982.35 करोड़ रुपये पर आ गया। टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 4,558.79 करोड़ रुपये घटकर 10,93,349.87 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 3,630.12 करोड़ रुपये घटकर 5,83,391.76 करोड़ रुपये रहा।

शीर्ष 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। इसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलआईसी और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा।

एफपीआई ने अगस्त के पहले पखवाड़े में शेयरों से 20,975 करोड़ रुपये निकाले

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजार में लगभग 21,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। अमेरिका-भारत व्यापार तनाव, कंपनियों के पहली तिमाही के उम्मीद से कमजोर नतीजों तथा रुपये में गिरावट के बीच एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही 2025 में अबतक एफपीआई भारतीय शेयर बाजार से कुल 1.16 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। एफपीआई का रुख आगे शुल्क मोर्चे पर गतिविधियों से तय होगा। एंजल वन के वरिष्ठ बुनियादी विश्लेषक (सीएफए) वकारजावेद खान ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच तनाव में हालिया कमी और नए प्रतिबंध नहीं लगने की वजह से प्रतीत होता है कि भारत पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क (सेकेंडरी टैरिफ) 27 अगस्त के बाद लागू होने की संभावना नहीं है। यह बाजार के लिए स्पष्ट रूप से सकारात्मक संकेत है।

उन्होंने आगे कहा कि एसएंडपी ने भारत की साख को बीबीबी- से बढ़ाकर ‘बीबीबी' कर दिया है, जिससे एफपीआई की धारणा को और बल मिल सकता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (14 अगस्त तक) शेयरों से 20,975 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। इससे पहले जुलाई में उन्होंने स्थानीय शेयर बाजार से 17,741 करोड़ रुपये निकाले थे। मार्च से जून तक के तीन महीनों में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 38,673 करोड़ रुपये डाले थे।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफपीआई की सतत निकासी की वजह मुख्य रूप से वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते है। भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और अमेरिका तथा अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ब्याज दरों के रुख को लेकर बढ़ती अनिश्चितता ने जोखिम उठाने की धारणा को कमजोर किया है।''

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हाल में अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती की वजह से भी भारत जैसे उभरते बाजारों का आकर्षण कम हुआ है। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि कंपनियों के कमजोर नतीजों और ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भी एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं। समीक्षाधीन अवधि के दौरान एफपीआई ने बॉन्ड में सामान्य सीमा के तहत 4,469 करोड़ रुपये का निवेश किया है और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 232 करोड़ रुपये डाले हैं।

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